आगरा:जिले केकमलानगर में बीते दिनों स्पेयर पार्ट्स व्यापारी की हत्या कर बदमाश जो थैला लूटकर ले गए, उसमें खाने का टिफिन ही नहीं, बल्कि दस लाख रुपये भी थे. यह चौंकाने वाला खुलासा वारदात के 36 घंटे बाद हुआ है. अलीगढ़ के गुटखा कारोबारी ने पुलिस को यह जानकारी दी है. पुलिस अब इस सच्चाई की जांच कर रही है. वहीं पुलिस इस बात को लेकर भी असमंजस में है कि आखिरकार यह बात व्यापारी ललित कंठपाल के भाई रिंकू ने क्यों छिपाई है. इस बारे में जब रिंकू से पूछताछ की गई को उसका कहना है कि वह घबरा गया था. भाई की गोली लगने से जान चली गई थी. ऐसे में बैग में पैसे-रुपयों की ओर उसका ध्यान ही नहीं था. पुलिस की छानबीन में यह भी इनपुट मिला है कि इस वारदात में कोई मृतक का करीबी शामिल है.
आगरा व्यापारी की हत्या का अलीगढ़ कनेक्शन, बदमाश लूट ले गए थे दस लाख - दस लाख रुपये की लूट
यूपी के आगरा जिले में कुछ दिनों पहले हुई स्पेयर पार्ट्स व्यापारी की हत्या और लूट मामले में नई जानकारी सामने आ रही हैं. शुक्रवार को मिली जानकारी के मुताबिक बदमाश व्यापारी से जो थैला लूटकर ले गए थे, उसमें सिर्फ टिफिन ही नहीं था बल्कि दस लाख रुपये भी थे. इसके सामने आने के बाद आगरा पुलिस अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है.
बता दें कि, 26 अगस्त की शाम कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित रश्मि नगर में बाइक सवार तीन बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में वारदात को अंजाम दिया था. बदमाशों ने कमलानगर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले रश्मि नगर निवासी ललित कंठपाल और उसके भाई रिंकू पर बाइक से घर लौटते समय डंडे से हमलाकर उन्हें गिरा दिया था. फिर रिंकू से थैला लूटा और विरोध करने पर ललित को गोली मार दी थी, जिससे ललित की मौके पर मौत हो गई थी.
मृतक के भाई ने घटना के वक्त बताई थी यह बात
वारदात के बाद रिंकू ने पुलिस को बताया था कि, जिस थैले को बदमाश लूटकर ले गए हैं उसमे सिर्फ खाने का टिफिन था. इसलिए पुलिस भी वारदात को सिर्फ हत्या ही मान रही थी. जब इस घटना को लेकर सवाल उठे तो जांच के अन्य पहलुओं पर भी छानबीन शुरू की गई.
सामने आई ये हकीकत
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि वारदात की असलियत जानने के लिए पुलिस टीम अलीगढ़ के बन्नादेवी थाना क्षेत्र निवासी गुटखा व्यापारी दिलीप के पास पहुंची. अलीगढ़ में गोल्डमोहर गुटखे की सप्लाई वही करता है. इस गुटखे का माल आगरा से जाता है. रिंकू रोजाना कैंटर गाड़ी से गुटखा लेकर आगरा से अलीगढ़ जाता था. वह एक दिन में दो से तीन चक्कर तक लगाता था. फिर शाम को कैश लेकर आगरा लौटता था. पुलिस की छानबीन में सामने आया कि, लॉकडाउन में ललित का रिक्शे का व्यापार मंदा पड़ गया था, इसलिए ललित गुटखा व्यापारी के साथ काम करने लगा था. कुछ दिन ललित भी अलीगढ़ कैश लेने गया था. बाद में उसने यह कहकर मना कर दिया था कि कैंटर में बैठे-बैठे उसकी कमर अकड़ जाती है और वह नहीं जाएगा.
अलीगढ़ से ही मुखबिरी की आशंका
एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि रिंकू के झूठ ने पुलिस के 36 घंटे खराब कर दिए. पुलिस ने जब सीसीटीवी खंगाला तो पता चला कि बदमाश दोनों भाइयों के पीछे लगे थे. आशंका यह है कि अलीगढ़ से ही मुखबिरी हुई है. सीसीटीवी देखकर लगा कि घटना रेकी के बाद की गई है. रेकी के बाद घटना में बदमाश खाली हाथ नहीं लौटते. इसलिए यह लगा कि बैग में जरूर कैश रहा होगा. पुलिस ने जब इस बात की तस्दीक की तो हकीकत सामने आ गई.
क्यों बोला झूठ, इसकी छानबीन
बता दें कि, ललित की मौत के बाद रिंकू ने पुलिस को यह बताया था कि, बैग में सिर्फ टिफिन था. जबकि, अलीगढ़ के गुटखा मालिक का कहना है कि, रिंकू दस लाख रुपये लेकर गया था. इस बारे पुलिस ने रिंकू से शुक्रवार को भी बातचीत की. उसने कहा कि बैग में कैश था, मगर उसने गिना नहीं था. अलीगढ़ से एक पैकेट मिला था, जिसे उसने बैग में रख लिया था. पुलिस समझ नहीं पा रही है कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है. वहीं एडीजी आगरा अजय आनंद इस मामले में पड़ताल करने शुक्रवार को कमलानगर थाने पहुंचे, जहां उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की और जांच की स्थिति जानी.