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ताजनगरी की हवा जहरीली, 'आंखों में जलन, फूल रही सांस' - एसएन मेडिकल कॉलेज

ताजनगरी में हवा हेल्थ इमरजेंसी तक पहुंच गई है. लोगों के आंखों में जलन और प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ की समस्या लगातार बढ़ रही है. प्रदूषण का आलम यह है कि एयर इंडेक्स बढ़कर 327 तक पहुंच गया है.

ताजनगरी की हवा जहरीली.
ताजनगरी की हवा जहरीली.

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Published : Jan 19, 2021, 12:14 PM IST

आगरा :ताजनगरी में सर्दी के साथ प्रदूषण का सितम भी बढ़ रहा है. कोहरे की वजह से प्रदूषण की मात्रा, हवा में बढ़ रही है, जिससे हवा जहरीली हो रही है. जो लोगों के सेहत को नुकसान पहुंचा ही रही है, साथ ही मोहब्बत की निशानी ताजमहल के लिए भी खतरनाक है. इसका कारण यह है कि ताजनगरी की हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य से आठ गुना बढ़ी है. इस वजह से स्मॉग की चादर तनी रहती है. रविवार की बात करें तो एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 327 पर पहुंच गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) हर दिन देशभर के शहर और महानगरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) जारी करता है. सीपीसीबी, यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन भी आगरा की बढ़ती एक्यूआई को लेकर गंभीर है. यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन लगातार शहर के ऐसे स्थानों को चिन्हित करके कार्रवाई कर रहा है. जिनकी वजह से आगरा का एक्यूआई बढ़ रहा है. ऐसी फर्म और संस्थाओं पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है.

ताजनगरी की हवा जहरीली.

बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर
स्मार्ट सिटी के समेत तमाम प्रोजेक्ट आगरा में चल रहे हैं. कहीं पेयजल लाइन के लिए सड़क खोदी गई हैं तो कहीं पर सीवर लाइन का काम चल रहा है. गलियां और मौहल्ले भी खुदे पड़े हैं, जिससे धूल उड़ती रहती है. धूल के कणों से एक्यूआई स्तर बढ़ रहा है. साथ ही सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या भी प्रदुषण का स्तर बढ़ा रही हैं. इन दिनों ताजनगरी में वायु प्रदूषण बढ़ने से कार्बन मोनोऑक्साइड सहित अन्य खतरनाक गैसों का स्तर बढ़ रहा है. इसकी वजह से आंख में जलन, आंख से पानी गिरना, श्वांस फूलना और खांसी आने जैसी बीमारियों से लोग पीड़ित हे रहे हैं. लोगों का सड़क पर निकलना मुश्किल हो रहा है.

ताजनगरी की हवा जहरीली.

सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि, ओपीडी में पिछले पांच-छह दिनों की बात करें तो श्वांस रोगी, एलर्जी और अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ी है. हम सबको प्रदूषण नियंत्रण पर जोर देना चाहिए. ताकि श्वांस और अस्थमा के मरीजों को राहत मिल सके.

ताजनगरी की हवा जहरीली.

स्मॉग की चादर
पर्यावरणविद एवं ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि, आगरा में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही खतरनाक है. यहां एक्यूआई 350 सौ से 400 के करीब पहुंच रहा है. पीएम-2.5 इतना बढ़ गया है. जिससे लोगों में एलर्जी, अस्थमा चार से पांच गुना बढ़ गया है. मेरी ओपीडी में सबसे ज्यादा इस समय एलर्जी के मरीज आ रहे हैं. जो बढ़ते प्रदूषण की वजह से एलर्जी से ग्रसित हुए हैं. लॉक डाउन के बाद से लगातार हवा जहरीली हो रही है. अब सर्दी बढ़ने से यह प्रदूषण स्मॉग के रूप में छा रहा है. दो-चार दिन में ही आगरा में एक्यूआई 400 का आंकड़ा पार कर जाएगा. आगरा में सीवर लाइन, पाइपलाइन, सड़कों सहित अन्य विकास कार्यों को लेकर की जा रही खुदाई से हवा में पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर सामान्य से 6 से 7 गुना ज्यादा है. इससे ही एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है.

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