आगराःसंघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की मुख्य परीक्षा में आगरा की प्रियांशा गर्ग ने 31 वीं रैंक आई है. प्रियांशा गर्ग का यह चौथा प्रयास था. प्रियांशा ने परिवार के साथ आगरा का नाम भी रोशन किया है. प्रियांशा ने बताया कि 'मैं सातवीं क्लास में थी, तब पड़ोसी भैया सुमित गुप्ता ने 2009 में यूपीएससी क्रैक किया था. वो आईएएस बने तो उनसे मुझे प्रेरणा मिली. पिता और माता ने सपोर्ट किया, जिससे मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. भले ही मुझे तीन बार असफलता मिली, जिससे निराश जरूर हुई. मगर, घबराई नहीं. हर बार अपनी कमियां दूर की और पहले से ज्यादा मन लगाकर तैयारी की'. प्रियांशा गर्ग का कहना है कि इंटरव्यू में मुझसे पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन को लेकर सवाल पूछे गए, जिसमें पाकिस्तान में फाइनेंसियल क्राइसिस और अन्य रिलेशन के सवाल के बेहतर जबाव से बेहतर रैंक आई है.
बता दें कि कमलानगर ई-149 निवासी प्रियांशा गर्ग की यूपीएससी में 31 वीं रैंक आई है. प्रियांशा गर्ग के पिता विनोद अग्रवाल व्यापारी हैं. मां ममता अग्रवाल गृहणी हैं. प्रियांशा गर्ग ने बताया कि 'मेरी बड़ी बहन साक्षी गर्ग सीनियर सॉफटवेयर इंजीनियर है. प्रियांशा गर्ग ने 10वीं की पढ़ाई सेंट पैट्रिक्स जूनियर कॉलेज की. इसके बाद दिल्ली में पीतमपुरा स्थित अभिनव पब्लिक स्कूल से 12वीं की. दिल्ली के ही महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी से बीटेक कंप्यूटर साइंस ब्रांच से किया.
प्रियांशा गर्ग ने बताया कि यूपीएससी में 'मैंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय चुना. मैंने अपने बेसिक स्पष्ट किए. पहले दिल्ली में एक साल कोचिंग की. फिर सेल्फ स्टडी की. ऑनलाइन तैयारी की. हर दिन में नियमित रूप से छह से सात घंटे तक पढ़ाई करती थी, जिसमें समाचार नियमित पढ़ना मेरी आदत में शामिल था. इसके साथ ही सिविल सेवा के लिए आने वाली प्रतिष्ठित पुस्तकों से अध्ययन किया. साथ ही मैंने बीते वर्षों के प्रश्नपत्रों के साथ टेस्ट सीरीज से तैयारी की. प्रियांशा गर्ग ने बताया कि सेल्फ स्टडी के साथ ही मैंने ग्रुप डिशक्शन पर भी जोर दिया. इससे बहुत सारी बातें स्पष्ट होती हैं'.
चौथे प्रयास में आई 31 वीं रैंक
प्रियांशा गर्ग ने बताया कि 'मैंने सन 2018 में सिविल सेवा की तैयारी प्रारंभ की. मैंने पहली बार परीक्षा 2019 में दी, जिसमें प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा तक पहुंचने का मौका मिल गया. इसके बाद कोविड-19 आने से सिविल सर्विसेस की तैयारी भी प्रभावित हुई. इसकी वजह से सन 2020 और 2021 में मैं प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं निकाल सकी, जिससे मैं निराश जरूर हुई मगर, मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. परिवार से संवाद करने से मेरी निराशा दूर हो गई. मैंने अपनी कमियों को तलाशा और उन्हें दूर किया, जिससे चौथे प्रयास में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के साथ इंटरव्यू भी दिया. जिससे मेरी चौथे प्रयास में 31वीं रैंक आई है'.