आगराःकोरोना काल में बेपटरी हुआ लेदर शूज और फुटवियर कारोबार अब पटरी पर लौटने लगा है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद आगरा के शूज एक्सपोर्टरों को संजीवनी मिलने लगी है. दुनिया के तमाम देशों ने कोरोना के चलते चाइना से शूज एक्सपोर्ट का कारोबार बंद कर दिया है. इसका फायदा इंडिया के शूज एक्सपोर्ट कारोबार को मिल रहा है. यही वजह है कि जुलाई और अगस्त में ही करीब 500 करोड़ रुपये के विंटर शूज के एक्सपोर्ट के ऑर्डर शूज कारोबारियों को मिले हैं. शूज एक्सपोर्टर्स को यूरोपियन देशों के साथ ही अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से बड़े स्तर पर विंटर शूज कलेक्शन के ऑर्डर मिले हैं. इससे आगरा के शूज एक्सपोर्टर्स के चेहरे खिले हुए हैं. शूज एक्सपोर्टर्स का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब शूज कारोबार पटरी पर आ रहा है. तमाम देशों से चाइना के व्यापारिक संबंध खराब होने का फायदा आगरा के शूज कारोबार को मिलने लगा है.
फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमैक) के प्रेसिडेंट पूरन डावर का कहना है कि आगरा का हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये का शूज और फुटवियर एक्सपोर्ट का कारोबार है. बाइंग हाउसेस के थ्रू करीब 4000 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट होता है. वहीं, मेजर एक्सपोर्ट साल के फर्स्ट हाफ में होता है, जिसमें विंटर के ऑर्डर आते हैं. समर के लिए एक्सपोर्ट के ऑर्डर अगस्त-सितंबर में आना शुरू होते हैं. लेकिन इस बार समर एक्सपोर्ट के ऑर्डर में एक अलग ही ट्रेंड देखने के लिए मिला है. इस बार जुलाई और अगस्त में ही करीब 450-500 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट ऑर्डर आए हैं. उन्होंने बताया कि इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया से भी लगातार ऑर्डर आ रहे हैं.