समाज सेविका आशा सचदेवा कीचड़ में बैठकर धरना देते हुए. आगराःताज नगरी आगरा की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत धनौली के मौजा विकास नगर की महिलाओं ने क्षेत्र की दिक्कतों को प्रशासन तक पहुंचाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. क्षेत्र की समस्याओं से परेशान महिलाएं सोमवार को कीचड़ में ही धरने पर बैठ गईं. हालांकि, ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी के विकास के आश्वासन पर लगभग तीन घंटे बाद धरना समाप्त हुआ.
सोमवार को समाज सेविका आशा सचदेवा समूह की मीटिंग के लिए दोपहर को अपने घर से निकले. वह जैसे ही अपने घर से विकास नगर में पहुंची तो वह कीचड़ में फिसल कर गिर गई. समाज सेविका आशा सचदेवा के कीचड़ में गिरते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग एकत्रित हो गए और उन्हें बाहर निकाला। अपने आपको गंदी के भेज देख आशा सचदेवा ने विकास के लिए कीचड़ में ही धरना शुरू कर दिया.
उनके समर्थन में विकासनगर की दर्जनों महिलाएं उनके साथ कीचड़ में ही धरने पर बैठ गए. जैसे ही धरने की सूचना प्रधान प्रतिनिधि लोकेश एवं ग्राम विकास अधिकारी को हुई तो वह मौके पर दौड़ पड़े. ग्रामीण महिलाओं को उनके द्वारा समझाया गया लगभग 3 घंटे के बाद विकास कार्य शुरू होने के बाद धरना समाप्त हुआ. ग्राम प्रधान की ओर से वहां मिट्टी डलवाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. महिलाओं ने कहा कि अगर 2 महीने में विकास कार्य नहीं हुए तो एक बार फिर धरना दिया जाएगा.
बता दें कि विकास नगर में विकास कार्यों की मांग को लेकर लगभग 3 महीने तक समाजसेविका सावित्री चाहर के नेतृत्व में धरना चला था, जिसमें नाले का निर्माण मुख्य रूप से था परंतु अभी तक नाला निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है, जिसके चलते गलियों और सड़क पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है. विकास के लिए समाज सेविका सावित्री चाहर के द्वारा भूमि समाधि से लेकर रोड जाम तक किया गया था, तब जाकर एक तरफ का नाला निर्माण शुरू हुआ है, जिस पर कर कार्य तेजी के साथ चल रहा है.