उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Agra University:बिना मान्यता ही करा दिया 90 छात्र छात्राओं को पीजी डिप्लोमा, 30 साल बाद खुली पोल - आगरा विश्वविद्यालय का कारनामा

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है. विश्वविद्यालय को जिस पाठ्यक्रम की मान्यता नहीं थी, उसमें विद्यार्थियों को डिप्लोमा करा दिया गया. यह खुलासा 30 साल बाद हुआ है.

dr br ambedker university agra
dr br ambedker university agra

By

Published : Apr 26, 2023, 10:31 PM IST

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में हैं. विश्वविद्यालय का अजब-गजब मामला सामने आया है. यूजीसी और उप्र स्टेट मेडिकल फैकल्टी से पाठ्यक्रम की मान्यता के बिना ही पीजी डिप्लोमा इन क्लीनिकल केमेस्ट्री पाठ्यक्रम शुरू किया गया. इतना ही नहीं, तीन साल तक यह यह पाठ्यक्रम चला और 90 स्टूडेंट को प्रवेश दिया गया. डिग्री और अंकतालिका भी प्रदान किया गया. जब पीजी डिप्लोमा करने वाले एक छात्र नीलम कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत पाठ्यक्रम की जानकारी मांगी तो 30 साल बाद पता चला कि पाठ्यक्रम की मान्यता नहीं थी.

तत्कालीन कुलसचिव समेत 3 के खिलाफ एफआईआरः आवास विकास कॉलोनी सेक्टर 10 निवासी नीलम कुमार कुलश्रेष्ठ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्चविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया. इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर हरीपर्वत थाना में तत्कालीन कुलसचिव, विभागाध्यक्ष रसायन खंदारी कैंपस, वित्त अधिकारी और विश्वविद्यालय के डिग्री एवं अंकतालिका संबंधित विभाग के विरुद्ध अभियोग दर्ज किया है.

90 विद्यार्थियों ने किया था कोर्सः नीलम कुमार कुलेश्रेष्ठ के मुताबिक, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (पूर्ववर्ती आगरा विश्वविद्यालय) ने सन् 1989 से 1991 तक पीजी डिप्लोमा इन क्लीनिकल केमेस्ट्री कराया था. जबकि विश्वविद्यालय के पास उसकी मान्यता ही नहीं थी. छात्रा नीलम चौधरी के मुताबिक 1990 में उसने आगरा विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग से पीजी डिप्लोमा इन क्लीनिकल केमेस्ट्री किया था. तब यह बताया ​गया था कि यह डिप्लोमा मान्यता प्राप्त है. जब सूचना के अधिकार के तहत कोर्स के बारे में जानकारी मांगी तो यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी से जानकारी मिली कि पाठ्यक्रम की मान्यता विश्वविद्यालय को नहीं थी. 90 छात्र-छात्राओं ने यह कोर्स किया है.



फरवरी 2022 में शिकायत की थी शिकायतःइस पर छात्र नीलम कुमार कुलश्रेष्ठ ने सबसे पहले 17 फरवरी 2022 को आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और हरिपर्वत थाना पुलिस को डाक से शिकायत भेजी. न्यायालय ने 21 फरवरी 2022 को हरीपर्वत पुलिस से रिपोर्ट मांगी. पुलिस ने अंकतालिका व डिप्लोमा के पंजीकरण के संबंध में तत्कालीन कुलसचिव से रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद भी पुलिस को विवि प्रशासन से कोई भी जवाब नहीं दिया गया. जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. अब न्यायालय से हरीपर्वत थाना पुलिस को 24 अप्रैल 2023 को विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलसचिव, रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष और वित्त अधिकारी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

इसे भी पढ़ें-आगरा विश्वविद्यालय की गोल्डन गर्ल बनीं हुमा जाफर, दीक्षांत समारोह में पाएंगी 12 मेडल


ABOUT THE AUTHOR

...view details