आगरा:ताज महोत्सव में मंगलवार की रात राजस्थानी लोक गायक खेते खान के नाम रही. शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच से लोकगायक खेते खान ने अपनी गायिकी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके साथ ही शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच से भोजपुरी गानों से भी लोग देर रात तक सराबोर हुए.
बता दें कि ताज महोत्सव में नौवें दिन राजस्थानी लोकगीत का कार्यक्रम था. इसमें राजस्थान के मशहूर लोक गायक खेते खान और उनकी टीम आई. मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे खेते खान और उनकी टीम शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर पहुंची. गीत और संगीत से खेते खान ने समां बांध दिया.
लोक गायक खेते खान ने अलग अंदाज में श्रोताओं को एक से बढ़कर एक गीत सुनाए. इसमें एक गीत में खेते खान ने सुनाया कि दूर देश में रहने वाले पति को लेकर पत्नी कहती है कि मुझे हिचकी आ रहीं हैं. वह कब आएंगे. उन्होंने सुनाया, ‘ओलंदी गनी आवे.... 'केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश... 'मेहंदी रो रंग लागो... गीत सुनाया तो श्रोता झूम उठे. खेते खान ने श्रोताओं की डिमांड पर भी उनकी पसंद के सुपरहिट गीत अपने अंदाज में सुनाए. ये सिलसिला देर रात तक चला.
शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच से खेते खान से पूर्व रजत, मो. सैफ ने गायन प्रस्तुत किया. वाणी पाठक ने कथक की प्रस्तुति दी. कुमकुम आदर्श ने भी कथक की प्रस्तुतियों से समां बांध दिया. इसके साथ ही सुरेश कुशवाहा ने भोजपुरी गायन प्रस्तुत करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. गजल गायक देशदीप शर्मा ने मंगलवार को मुक्ताकाशीय मंच से छाप तिलक सब छीनी मोसे नैना मिलाइके गाया तो लोग झूम उठे. उन्होंने गजलों के साथ भजन भी सुनाए.