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उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे से आगरा में खलबली - बेबी रानी मौर्य

बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे से आगरा की राजनीति में खलबली मच गई है. ऐसा माना जा रहा है कि, वह फिर से राजनीति में वापसी कर सकती हैं. बता दें राज्यपाल बनने से पहले बेबी रानी मौर्य आगरा जिले की मेयर रह चुकी हैं.

बेबी रानी मौर्य.
बेबी रानी मौर्य.

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Published : Sep 8, 2021, 7:17 PM IST

आगराः उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के पद से त्यागपत्र देने से आगरा की राजनीति में खलबली मच गई है. माना जा रहा है कि, वे फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी कर सकती हैं. जिससे अब 2022 विधानसभा चुनाव में जिले की छावनी और आगरा ग्रामीण विधासभा सीट के दावेदारों का गणित गड़बड़ा रहा है. क्योंकि, राज्यपाल बनने से पहले बेबी रानी मौर्य आगरा की मेयर रह चुकी हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा था.

1995 में बनी थीं आगरा की मेयर

बता दें कि, बेबी रानी मौर्य 22 अगस्त 2018 को उत्तराखंड की राज्यपाल बनाई गई थीं. उससे पहले वे सक्रिय राजनीति कर रही थीं. सन 1995 में भाजपा में शामिल हुई थीं और उसी साल भाजपा ने उन्हें नगर निगम चुनाव में मेयर पद का प्रत्याशी बनाया था. नगर निगम चुनाव जीतकर बेबी रानी मौर्य आगरा की पहली महिला मेयर बनी थीं. सन 1997 में भाजपा की राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. सन 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं. इसके बाद 2007 में भाजपा ने बेबी रानी मौर्य को एत्मादपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतरा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद सन 2018 में उन्हें बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का सदस्य बनाया गया था.

बेलनगंज में मायका, करिअप्पा रोड पर ससुराल

उत्तराखंड की रहीं राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हैं. बेबी रानी के दो बच्चे पुत्र अभिनव और बेटी अंजू मौर्य हैं. बेटा और बेटी अमेरिका में रहते हैं. बेबी रानी मौर्य का मायका आगरा के बेलनगंज में हैं, जबकि उनकी ससुराल बालूगंज के करिअप्पा रोड पर है.

यूं मची खलबली

पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पिछले दिनों अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था. दो दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात हुई और उसके बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि, भाजपा उन्हें बसपा प्रमुख मायावती के सामने उतार रही है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखकर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है.

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उनके इस्तीफा से यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि, वे आगरा से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में आगरा में तीन सीट हैं, जिन पर बेबी रानी मौर्य को भाजपा प्रत्याशी बना सकती है. यह विधानसभा आगरा ग्रामीण, छावनी और एत्मादपुर है. क्योंकि, लगातार इन तीनों ही विधानसभा सीट के विधायकों की भाजपा के आंतरिक सर्वे में ​टिकट कटने की संभावना है. इसलिए आगरा के भाजपाइयों में खलबली मच गई है. इनमें एक विधायक तो योगी सरकार में राज्यमंत्री भी हैं.

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