आगरा: दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) का खजाना खाली हो गया है. 21 जिलों के 12.78 लाख उपभोक्ताओं पर 7605 करोड़ रुपये की बकाएदारी है. बकाएदारी के मामले में आगरा पहले पायदान पर है जबकि सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का गृह जनपद मथुरा दूसरे नंबर पर है. दोनों जिलों में करोड़ों रुपए के बकाएदार रहते हैं. आगरा शहर में टोरेंट पावर बिजली की आपूर्ति करती है. बात अगर ग्रामीण क्षेत्र की करें तो ग्रामीण क्षेत्र में 1,47,643 उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल की 879 करोड रुपये की बकाएदारी है. इस कारण ही आगरा बकाएदारी के मामले में टॉप पर है. डीवीवीएनएल के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से बिजली के बिलों की बकाएदारी बढ़ती ही जा रही है. आगरा में डीवीवीएनएल का मुख्यालय है. बड़े और छोटे अधिकारी इसी जिले में बैठते हैं, फिर भी अधिकारियों की नाक के नीचे उपभोक्ता मनमानी कर रहे हैं.
बिजली बकाएदारी में टॉप पर आगरा, ऊर्जा मंत्री का मथुरा दूसरे नंबर पर - डीवीवीएनएल
उत्तर प्रदेश में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) इस समय तंगहाली से जूझ रहा है. डीवीवीएनएल जिन 21 जिलों में विद्युत आपूर्ति करती है उनमें उपभोक्ताओं पर 7605 करोड़ रुपये की बकाएदारी है. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से इन जिलों में बकाया बिलों की वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान भी चलाया जा रहा है.
डीवीवीएनएल का खजाना खाली.
डीवीवीएनएल का खजाना खाली.
डीवीवीएनएल के अधिकारियों की लापरवाही अब खजाने पर भारी पड़ गई है. हालात ऐसे बन गए हैं, कि यदि बकायेदारी की वसूली नहीं होती है तो बिजली आपूर्ति करना भी मुश्किल होगा. डीवीवीएनएल इसको लेकर अब बकायेदारों से वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान और वसूली अभियान चला रहा है.