आगरा : शहर के हाइवे पर स्थित है पारस हॉस्पिटल. इसके संचालक हैं डॉ. अरिंजय जैन. और अरिंजय जैन का एक वीडियो इन दिनों बहुत वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन एक मॉक ड्रिल की बात कह रहे हैं.
इस बातचीत को भी हम आपको सुनाएंगे लेकिन उससे पहले कुछ और बातें भी जान लेते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पारस हॉस्पिटल को भी कोविड अस्पताल बनाया गया था. अब आप यह भी जान लीजिए कि यह पारस हॉस्पिटल वही है जिसे पिछले साल अप्रैल महीने में सील कर दिया गया था. आरोप था कि पारस हॉस्पिटल कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन चुका है और पारस हॉस्पिटल पड़ोस के दस जिलों में भी कोरोना संक्रमण का वाहक बना. इस अस्पताल में भर्ती मरीजों और तीमारदारों ने कई बार अव्यवस्थाओं का ऑडियो और वीडियो जारी कर इसकी पोल खोली थी. लगातार पारस हॉस्पिटल की शिकायतें आगरा के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार तक पहुंच रही थीं. इसके बाद ही यहां से मरीजों को शिफ्ट करने का शासन ने आदेश दिया था. तब भी जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह थे और आज भी जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह ही हैं. तब डीएम के हवाले से कहा गया था कि संचालक को नोटिस भेजा जा रहा है. बावजूद इन सबके साल 2021 में पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया गया और यहां कोविड मरीजों का इलाज किया जाने लगा. अब पिछले मामले में क्या कार्रवाई हुई यह तो प्रभु ही जानें...लेकिन, इस साल कोरोना की दूसरी लहर में किस तरह से यहां इलाज हो रहा था, इसकी पोल खोलने के लिए यह वायरल वीडियो काफी है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता. लेकिन, यदि यह वीडियो सच है और मौत के आंकड़े सच हैं तो यह किसी नरसंहार से कम नहीं कहा जा सकता.
क्या है मॉक ड्रिल वाले वीडियो का सच ?
सोमवार यानि की 7 जून को एक वीडियो खूब वायरल होने लगा. वायरल वीडियो में डॉ. अरिंजय जैन अस्पताल में भर्ती कोविड 19 मरीजों को लगायी गयी ऑक्सीजन की सप्लाई हटाने का मॉक ड्रिल करने की बात कह रहे हैं. जब पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से हांफ रहा था, कोरोना मरीज दम तोड़ रहे थे तब डॉक्टर साहब मॉक ड्रिल कर रहे थे. डॉक्टर साहब कह रहे थे, एक ट्रायल मार दो...एक मॉक ड्रिल करके देख लोग...समझ जाएंगे कौन सा मरेगा, कौन सा नहीं मरेगा...हमने सुबह सात बजे मॉक ड्रिल करायी, छंट गए 22 मरीज...74 बचे...इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना-अपना सिलेंडर (ऑक्सीजन) लाओ...सबसे बड़ा प्रयोग यही रहा...
वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप
बातें तो और भी हैं. कितना सुनेंगे आप. अच्छा सुन ही लो...इसके बाद हॉस्पिटल में भर्ती सभी मरीजों के परिजनों को पत्र लिखकर कहा गया कि अपने मरीजों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम खुद कर लो. यह वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया. हंगामा मचा तो डीएम साहब भी सतर्क हो गए...उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को जो 22 मौतें बतायी जा रही हैं, ऐसी कोई भी मौत उस दिन नहीं हुई है. वायरल वीडियो मामले की जांच करायी जा रही है.
राहुल और प्रियंका गांधी ने भी किया ट्वीट