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Agra District Jail: पुरुष बंदी बनाएंगे बैग तो महिला बंदी बनाएंगी अचार, उद्यमियों की मदद से जिला जेल में हुई शुरुआत

आगरा जिला जेल (Agra District Jail) में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशासन ने एक पहल की की है. इसके माध्यम से जेल में ही बंदी कपड़े, जूट या रैग्जीन के बैग बनाएंगे. इसके साथ ही महिला कैदी अचार और मठरी बनाने का कार्य करेंगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 12:33 PM IST

Updated : Sep 27, 2023, 1:55 PM IST

जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया.

आगरा:जिला जेल आगरा प्रशासन ने बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत जेल के बंदियों की प्रोफाइलिंग की गयी है. जो बंदी जिस काम में हुनरमंद है. जेल प्रशासन की ओर से उन बंदियों के हुनर को तराशकर काम भी दिया जाएगा. जिला जेल प्रशासन की पहल के तहर बंदी कपड़े, जूट या रैग्जीन के बैग बनाएंगे. इसके साथ ही महिला बंदी आचार और मठरी बनाने का काम करेंगी. जिससे बंदियों का जहां हुनर निखरेगा और उन्हें रोजगार भी मिलेगा.

आगार जिला जेल में महिला बंदी अचार बनाएंगी.

कई बंदी पहुंचते हैं जेलबता दें कि आगरा जिला जेल में हर दिन दर्जनों लोग किसी न किसी अपराध को करने के बाद जेल पहुंचते हैं. इनमें कई बंदी ऐसे होते हैं. जो किसी ना किसी काम में निपुण होते हैं. जेल में आकर भी ऐसे बंदी व्यस्त रहें. जिससे जेल का माहौल भी बेहतर रहे. इसको लेकर जेल प्रशासन ने पहल की है.बंदियों के काम का प्रोफाइल तैयारआगरा जिला जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया कि, जिला जेल का एक प्रोफाइल तैयार किया है. जिसमें यह पता किया गया है कि, कौन सा बंदी किस कार्य को करने में निपुण हैं ? कुछ बंदी जूता बनाने में निपुण हैं. कुछ बंदी बैग बनाने में निपुण हैं. कुछ मार्बल हैंडीक्राफ्ट के काम में निपुण है. तमाम बंदी ऐसे हैं जो माटी कला के काम में निपुण हैं. ऐसे में बंदियों को उनकी निपुणता और रुचि के मुताबिक ही काम दिया जाए. जिससे उसके आजीविका उपार्जन में मदद मिलेगी. जिससे ऐसे कैदी जेल से बाहर जाने के बाद भी उन्हें रोजगार में मदद मिलेगी.


सरकारी संस्थान, एनजीओ और उदमी आ रहे आगे
आगरा जिला जेल के अधीक्षक ने बताया कि, बंदियों को उनकी रुचि और निपुणता के मुताबिक, काम देने को लेकर तमाम उद्यमियों से भी संपर्क किया गया है. इसके बाद तमाम उद्यमियों ने उनसे संपर्क किया है. जहां उद्यमियों से उन्हें सकारात्मक संकेत मिला है. इसके अलावा जेल में बंद बंदियों को सीएसआर फंड से भी मदद मिलेगी.


बैग बनाने वाले बंदी हुए चिन्हित
आगरा जिला जेल के अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया कि, जेल में 20 से 25 बंदी बैग बनाने का काम करेंगे. जिन्हें जेल प्रशासन की ओर से कपड़ा या रैग्जीन समेत अन्य कच्चा माल दिया जाएगा. जिससे वे बैग बनाने का काम करेंगे. बंदियों के बनाए बैग के आउटलेट से बेचा जाएगा. इसके साथ ही सरकारी संस्थान और एनजीओ भी पाॅलीथीन हटाकर कपडे या जूट के बैग को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. उनसे भी संपर्क किया जा रहा है. जिससे बंदियों के बनाए बैग वे खरीदें. जिसे बंदियों के बनाए गए प्रोडक्ट को मार्केट भी मिले.

महिला बंदी बनाएंगी अचार और मठरी
आगरा जिला जेल के अधीक्षक ने बताया कि, महिला बंदियों को भी सिलाई और कढ़ाई से जोड रहे हैं. महिला बंदी अचार और मठरी बनाने का काम करेंगी. जिससे उनके हाथ का हुनर निखरेगा. इसके साथ ही जीविकापार्जन का साधन भी बनेगा. महिला बंदियों को अचार बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे वे अचार बनाएंगी. कोई भी संस्था यह काम करा सकेगी. उन्हें महिला बंदियों के तय मेहनताना को देना होगा.

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Last Updated : Sep 27, 2023, 1:55 PM IST

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