आगरा: यूपी की जेलों के बंदी और कैदियों का हुनर पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे वे जाने और अनजाने में किए अपराध की सजा काटकर जब बंदी और कैदी सलाखों से बाहर निकलें तो बेरोजगार न रहें. इसी मंशा से यूपी की जेलों में बंदियों को हुनरमंद बनाया जा रहा है. आगरा में सेंट्रल जेल की ओर से एक आउटलेट खोला जा रहा है. इस पर आगरा सेंट्रल जेल की बेकरी में बंदियों की बनाई ब्रेड और डेली नीड्स के आइटम मिलेंगे. आगरा सेंट्रल जेल के आउटलेट से कोई भी जेल की बेकरी के बने आइटम खरीद सकेगा. इससे सेंट्रल जेल के बंदियों की आमदनी बढ़ेगी.
बता दें कि आगरा सेंट्रल जेल में 2200 से ज्यादा बंदी निरुद्ध हैं. इनमें तीन पूर्व विधायक और जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठन से जुड़े लोग भी शामिल हैं, जो हाई सिक्योरिटी बैरक में निरुद्ध हैं. हाल में जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग जेलों से बंदी और कैदी आगरा सेंट्रल जेल में आए हैं. बंदियों और आगरा सेंट्रल जेल की सुरक्षा में 150 से अधिक का स्टाफ तैनात है.
आगरा सेंट्रल जेल के फर्नीचर की खूब डिमांड
आगरा सेंट्रल जेल में बंदी फर्नीचर, दरी, जूता और अन्य सामान बनाने में ट्रेंड हैं. आगरा सेंट्रल जेल में बंदियों के बनाए फर्नीचर की यूपी के साथ ही दूसरे प्रदेश में डिमांड है. आगरा सेंट्रल जेल में बनी कुर्सी, टेबल, अलमारी और अन्य फर्नीचर यूपी की अधिकतर अदालतों में लगा हुआ है. बीते साल में ही बंदियों का बनाया एक करोड़ रुपये का फर्नीचर बेचा जा चुका है. शूज मेकिंग का काम भी बंदियों ने सीख लिया है. दरी भी बंदी बना रहे हैं. अब आगरा सेंट्रल जेल की बेकरी को बढ़ाया जा रहा है. अभी बंदियों की आमदनी बढ़ाने के लिए आगरा सेंट्रल जेल की ओर से मेलों में स्टॉल लगाना शुरू कर दिया गया है.