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इस शहर में बनेगा देश का दिव्यांग फ्रेंडली रेलवे स्टेशन, मिलेंगी ये सुविधाएं - आगरा कैंट रेलवे स्टेशन बनेगा दिव्यांग फ्रेंडली

आगरा कैंट रेलवे स्टेशन को दिव्यांग फ्रेंडली बनाया जा रहा है. इसके लिए रेलवे स्टेशन पर नेत्रहीन, पैरों से दिव्यांग और मूक-बधिर दिव्यांगों को तमाम सुविधाएं मिलेंगीं. जिससे उन्हें स्टेशन पर भटकना नहीं पड़ेगा. इसके लिए कैंट स्टेशन पर कार्यरत टिकट चेकिंग, बुकिंग व पूछताछ पर तैनात रेल कर्मियों को मूक-बधिर दिव्यांगों की सांकेतिक भाषा सिखाई जा रही है.

दिव्यांग फ्रेंडली रेलवे स्टेशन बनेगा आगरा कैंट स्टेशन
दिव्यांग फ्रेंडली रेलवे स्टेशन बनेगा आगरा कैंट स्टेशन

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Published : May 11, 2023, 6:59 PM IST

आगरा:पीएम नरेंद्र मोदी मंच से कई बार दिव्यांगों के लिए रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों में सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कह चुके हैं. इसी मंशा से आगरा रेल मंडल कैंट स्टेशन को दिव्यांगजन फ्रेंडली स्टेशन बनाने में जुट गया है. रेल प्रशासन की ओर से सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. यह देश का पहला दिव्यांगजन फ्रेंडली रेलवे स्टेशन होगा. जहां पर नेत्रहीन, पैरों से दिव्यांग और मूक-बधिर दिव्यांगों को तमाम सुविधाएं मिलेंगीं. जिससे उन्हें स्टेशन पर भटकना ना पडे़.

दिव्यांग फ्रेंडली रेलवे स्टेशन बनेगा आगरा कैंट स्टेशन

इस प्रोजेक्ट से ट्रेनों में भी दिव्यांगों को हर तरह की सुविधा देने के साथ ही आगरा कैंट स्टेशन पर भी तमाम सुविधाएं मिलेंगी. जिसमें नेत्रहीनों के लिए लुई ब्रेल लिपि साइनेज, दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और ट्रेन में चढ़ने के लिए पोर्टेबल रैंप के साथ मूक-बधिरों के लिए सांकेतिक भाषा जानने वाले रेलकर्मी भी तैनाती होंगे. कैंट स्टेशन पर कार्यरत टिकट चेकिंग, बुकिंग व पूछताछ पर तैनात रेलकर्मियों को मूक-बधिर दिव्यांगों की सांकेतिक भाषा सिखाई जा रही है. दो से तीन माह में हर तरह के दिव्यांग को आगरा कैंट स्टेशन पर मदद मिलने लगेगी.

रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए सुविधाएं

मास्टर ट्रेनर दे रहे रेलकर्मियों को ट्रेनिंग:आगरा मंडल की पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, कैंट स्टेशन पर कार्यरत टिकट चेकिंग, बुकिंग व पूछताछ केंद्र पर तैनात रहने वाले रेलवे कर्मचारियों का यात्रियों से सीधा संवाद होता है. इनसे ही दिव्यांगों का अधिकांश से ही संवाद होता है. इसलिए, इन तीन विभाग के रेलकर्मियों को सांकेतिक भाषा सिखाने के लिए रेलवे ने उप्र सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के तहत सर्वशिक्षा अभियान के कोऑर्डिनेटर से करार हुआ है. रेलवे की ओर से मूक-बधिरों से संवाद को 250 रेलकर्मी सांकेतिक भाषा सिखाई जाएगी. कोऑर्डिनेटर की ओर से सबसे पहले रेलवे के लिए 30 मास्टर ट्रेनर तैयार किए. ये ही मास्टर ट्रेनर अब दूसरे रेलकर्मियों को सांकेतिक भाषा सिखा रहे हैं.

रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए सुविधाएं
दिव्यांगों के लिए यह सुविधाएं पहले से:पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, आगरा कैंट स्टेशन पर पहले से ही व्हील चेयर और पोर्टेबल रैंप से दिव्यांग यात्रियों को ट्रेन के कोच में चढ़ाया जाता है. इसके साथ ही कैंट स्टेशन पर क्यूआर कोड स्कैन करके मूक बधिर यात्रियों के लिए वीडियो रेलवे का सांकेतिक भाषा में कई वीडियो देखने को मिल जाते हैं. यह वीडियो पूछताछ केन्द्र के पास लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके मूक-बधिर दिव्यांग देख सकते हैं.
रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए सुविधाएं
शुरुआत हुई लुई ब्रेल संकेतक से:आगरा मंडल की पीआरओ ने बताया कि, कैंट स्टेशन पर नेत्रहीन दिव्यांगों को बिना सहायता स्टेशन पर मौजूद सभी सुविधाओं की जानकारी देने के लिए अत्याधुनिक लुई ब्रेल लिपि का साइन बोर्ड स्टेशन के प्रवेश द्वार के बाईं तरफ लगा है. यहां पर नेत्रहीन दिव्यांग सहायता प्राप्त कर सकते हैं.
रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए सुविधाएं
व्हील चेयर और पोर्टेबल रैंप मौजूद:पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, जो पैरों से दिव्यांग यात्री हैं, उनके लिए पहले से ही व्हीलचेयर की व्यवस्था थी. अब दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली स्टेशन बनने को अग्रसर कैंट स्टेशन पर पोर्टेबल रैंप भी मंगाए गए हैं. इन रैंप की मदद से व्हीलचेयर सहित दिव्यांग को ट्रेन के कोच में चढ़ाया जा सकेगा.

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