आगरा : दीपावली पर पाबन्दी के बावजूद ताजनगरी में जमकर पटाखे जलाए गए. प्रशासन की सभी तैयारियों के बावजूद चोरी छिपे पटाखे खूब बिके. यही कारण रहा कि प्रदूषण बीते साल से ज्यादा रहा. आगरा का एक्यूआई 343 पहुंच गया है, जबकि, बीते साल दीपावली पर आगरा का एक्यूआई 292 था. पाबंदी के बाद पटाखों की बिक्री से पुलिस और प्रशासन की सतर्कता पर सवाल उठ रहे हैं. प्रशासन की लचर रवैये से ताजनगरी की हवा दम घोंटने लगी है. मगर, कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर ही है.
दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने रविवार देर शाम देशभर के 124 शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) जारी की. इसमें देश का सबसे प्रदूषित शहर जींद रहा. यहां की एक्यूआई 457 रही. वहीं, यूपी में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा. यहां की एक्यूआई 453 रही. वहीं, आगरा की एक्यूआई 343 रही. देश में आगरा 10वां प्रदूषित शहर रहा.
ऐसे बढ़ा आगरा का एक्यूआई
प्रदूषण के चलते 30 नवंबर तक आगरा सहित प्रदेश के 12 जिलों में पटाखों की बिक्री और जलाने पर पाबंदी लगाई गई थी. लेकिन ताज नगरी में चोरी छुपे पटाखों की खूब बिक्री हुई. दीपावली पर लोगों ने खूब पटाखे चलाए. रविवार को गोवर्धन पूजा के बाद भी रात करीब 11 बजे खूब पटाखे जले. इस कारण बीते दिनों आगरा का एक्यूआई जो 300 पर आ गया था, वो एकदम बढ़कर 343 पर पहुंच गया.
120 डेसीबल तक पहुंचा ध्वनि प्रदूषण
पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद आगरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार और ध्वनि प्रदूषण कम होने की संभावना जताई गई थी. लेकिन बीते साल के मुकाबले आगरा में ध्वनि प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया. दीपावली पर आगरा में सीपीसीबी ने ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग की. बीते साल आगरा में ध्वनि प्रदूषण 116 डेसीबल रहा था. इस बार सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक पटाखों का शोर रात 11 बजे तेजी से बढ़ा. यहां पर 120 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण रहा.
यूपी के प्रदूषित टॉप 10 शहर-
शहर | एक्यूआई |
गाजियाबाद | 453 |
नोएडा | 435 |
लखनऊ | 428 |
बुलंदशहर | 420 |
ग्रेटर नोएडा | 413 |
मेरठ | 402 |
हापुड़ | 390 |
कानपुर | 355 |
मुरादाबाद | 353 |
आगरा | 343 |
(यह आंकड़े सीपीसीबी की एक्यूआई की रिपोर्ट के हैं)