आगरा:कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. राजस्थान और एमपी में बेजुबानों पर कहर बरपा रही यह बीमारी आगरा से महज 240 किलोमीटर दूर है. मगर, राजस्थान और अन्य पड़ोसी राज्य से उड़ान भर कर आ रहे फ्लेमिंगो सहित अन्य प्रवासी पक्षी इस दूरी को कभी भी खत्म कर सकते हैं. प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसे देखकर राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी, कीठम झील, जोधपुर झाल और अन्य वेटलैंड पर निगरानी बढ़ा दी गई है. वन विभाग और पशुपालन विभाग में रेपिड रेस्पॉन्स टीम बना दी गईं हैं. प्रवासी और स्थानीय पक्षियों पर दूरबीन से नजर रखी जा रही है.
बता दें कि, राजस्थान के जयपुर सहित सात जिलो में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है. आगरा में जयपुर की सांभर झील और भरतपुर नेशनल केवलादेव घना पक्षि विहार से फ्लोमिंगो का आना-जाना लगा रहता है. जयपुर से आगरा की दूरी केवल 240 और भरतपुर से 60 किमी है. इस वजह से प्रवासी पक्षी कभी भी इस दूरी को तय करके आगरा में बर्ड फ्लू फैल सकते हैं. हालांकि, अभी जयपुर और अन्य जिलों में अभी कौआ की मौत हुई है. किसी भी प्रवासी पक्षियों में एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन-1 पुष्टी नहीं हुई है.
यहां पर रखी जा रही विशेष निगरानी
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी परियोजना आगरा डिवीजन के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि चम्बल सैंचुरी के साथ ही कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार, मैनपुरी के समान और एटा के पटना पक्षी विहार में सुबह, दोपहर और शाम को गश्त की जा रही है. कीठम झील व यमुना नदी के किनारों पर वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारी दूरबीन से पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू से संक्रमित पक्षी आइ ड्रोपिंग (आंखबंद) करता है. पक्षी की गर्दन टूटना, नाक बहना, बुखार, सिर और मासपेशियों में दर्द होता है. यह एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन-1 इंसानों के लिए भी खतरा बन सकता है.