जानकारी देते हुए अधिकार सेना प्रमुख अमिताभ ठाकुर आगरा:जनपद की एक धर्मशाला में अवैध खुदाई के चलते गिरे मकानों के प्रकरण में मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के पीड़ित को धमकाने वाले बयान पर अधिकार सेना प्रमुख पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने निशाना साधा हैं. उन्होंने मंत्री के बयान को "संवेदनहीन" बताते हुए मंत्रीमंडल से बर्खास्तगी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजा हैं. इसके साथ विपक्षी पार्टियों ने रविवार को घटनास्थल पर पहुंच कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ धरना भी दिया.
मंत्री के बयान को अधिकार सेना प्रमुख ने बताया "संवेदनहीन"
आगरा में बीते दिनों गुरुवार को खुदाई के चलते मकान दरकने से मलबे से नीचे दबकर जान गवांने वाली रुशाली(गिन्नी) शर्मा के परिवार को 2 लाख का राहत चेक सौंपते वक्त कैबिनेट मंत्री के धमकी वाले बयान को अधिकार सेना प्रमुख पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने "संवेदनहीन" बताया हैं. कहा कि मंत्री ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने की जगह उनके जख्मो पर नमक रगड़ने का काम किया हैं. योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के इस बयान से लोगों आहत हैं. मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय की मंत्रीमंडल से बर्खास्तगी को लेकर अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा हैं. वहीं, ट्वीटर के माध्यम से भी अमिताभ ठाकुर ने मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के इस बयान को पोस्ट कर अप्पत्ति दर्ज करायी हैं.
विपक्ष के नेता धरने पर बैठे, पीड़ितों से की मुलाकात
आम आदमी पार्टी ने बीते शनिवार को एक घंटे सांकेतिक धरने के बाद रविवार से आप कार्यकर्ता घटनास्थल के गेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया हैं. पीड़ित भी उनके साथ धरने में मौजूद हैं. पीड़ित रो-रो कर अपना दर्द बयां कर रहे हैं. आप नेता कपिल वाजपाई ने भाजपा सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बीते कल बसपा नेता गोरेलाल जाटव ने कार्यकर्ताओ सहित जीवनी मंडी आश्रय स्थल में मौजूद बेघर परिवारों से मुलाकात की थी. बसपा के पार्षद पीड़ितों के खाने-पीने की व्यवस्था करने में जुटे हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी घटनास्थल पर पहुंच कर अपना विरोध जता रहे हैं, जिससे प्रशासन और भाजपा सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं.
जर्जर मकानों को ढहाने में सेना की मदद लेगा प्रशासन
वहीं, इस विरोध प्रदर्शन के बीच सेना ने जर्जर मकानों का निरीक्षण किया हैं. एडीए प्रशासन द्वारा लगाए गए "रेड क्रोस" वाले मकानों की भी स्थिति जानने के लिए सेना सर्वे कर रही हैं. रविवार सुबह लेफ्टिनेंट रैंक के सैन्य अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया हैं. सेना की देखरेख में जर्जर मकानों को जमीदोज किया जाएगा. उसके पहले राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीम ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया था.
आगरा में 26 जनवरी को माईथान टीले के निचले हिस्से बनी धर्मशाला में अवैध खुदाई के चलते 6 मकान गिर गए थे. तास के पत्तो की तरह बिखरे मकानों के मलबे में दबकर एक 4 साल की बेटी रुशाली (गिन्नी) शर्मा की जान चली गयी थी. मकानों में आई दरारों के चलते प्रशासन ने तत्काल 50 परिवारों से खतरा भांपते हुए मकान खाली करवा लिए. लेकिन लापरवाह प्रशासन ने बेघरों का सहारा बनने की जगह उन्हें तनहा छोड़ दिया. रविवार सुबह सरकार और प्रशासन के सौतेले रवैये को लेकर विपक्षी नेताओं के साथ पीड़ित अनीता शर्मा धरना दे रही थी. तभी उनकी तबियत बिगड़ गई. यह देख कर उनके परिजनों के हाथ-पांव फूल गए. लोगों ने घटनास्थल के सामने दुकान से लाकर पलंग अनीता शर्मा को पलंग पर लेटा दिया. लेकिन विपक्षी नेता आंदोलन में और जिम्मेदार अधिकारी चर्चाओं में व्यस्थ रहे. जब अनीता की तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी तो लोगों का हंगामा देखकर प्रशासन को नींद टूटी. काफी देर तक जब एम्बुलेंस नहीं आई तो पुलिस के वाहन से उन्हें पास के क्लीनिक पर दिखाया गया. लेकिन डॉक्टर ने अनीता को किसी बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा. लोगो ने अब अनीता को श्रीराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया हैं.
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