आगरा: थाना शाहगंज पुलिस नकली नोट छापने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने तीन आरोपीयों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से नकली नोट सहित अन्य सामान बरामद हुआ है. आरोपियों ने एक फिल्म देखकर नकली नोट छापकर सप्लाई कर रहे थे.
लोहामंडी एसीपी दीक्षा सिंह ने बताया कि पुलिस को एक दुकानदार से सूचना मिली थी कि सोना नगर की पुलिया के पास कुछ लोग खड़े हैं, जो जाली नोट के सहारे दुकानदारों और व्यापारियों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. शाहगंज पुलिस ने मौके से दीपेश कुमार, दीपक शर्मा उर्फ छोटू और हिरासत में लिया. आरोपियों के पास से 18 हजार 700 रुपये के नकली नोट (Fake Currency) बरामद हुए. पुलिस ने दीपेश और दीपक से पूछताछ की तो दोनों ने बताया कि 100 फूटा रोड निवासी हेमंत उर्फ विट्टू जनसूचना केन्द्र की आड़ में इस काम को अंजाम देता है. वहीं, इस पूरे काम का मास्टरमाइंड हैं. स्कैनर और कलर प्रिंटर की मदद से नकली नोट की छपाई होती है. इसके बाद पुलिस ने 100 फूटा रोड स्थित जनसूचना केंद्र से हेमंत उर्फ विट्टू को भी गिरफ्तार कर लिया. उसके यहां से सीपीयू, मॉनिटर टीवी, कलर प्रिंटर, स्कैनर, माउस सहित 1 मोबाइल और अन्य सामान बरामद हुआ है.
'फर्जी' फिल्म देखकर स्कैनर और प्रिंटर छाप रहे थे नकली नोट, ऐसे सप्लाई करता था गिरोह
आगरा पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने फर्जी मूवी देखकर नकली नोट छापने का काम शुरु किया था.
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एसीपी दीक्षा सिंह ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी मूवी देखकर नकली नोट छापने का आईडिया आया. इसके बाद नकली नोट छापने के काम शुरू किया. नकली नोट को असली नोट की गड्डी में फंसा कर यह लोगों से ठगी करते थे. फुटपाथ के दुकानदार इनके सबसे आसान टारगेट थे. यह फुटपाथ के व्यापारियों से ज्यादा माल खरीदते थे. ऐसे में पेमेंट भी बड़ा होता था. जिसके चलते व्यापारी असली नोटों के बीच लगे नकली नोटों को नहीं पहचान पाता था. ऐसे कई फुटपाथ व्यापारियों और दुकानदारों को शातिर जालसाजों ने ठगी का शिकार बनाया है. पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया है.
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