आगरा:यूपी की जेलों में बंद बंदी और कैदियों के साथ ही उनके परिजनों के लिए अच्छी खबर है. सरकार के आदेश पर 16 माह बाद अब बंदियों से परिजनों मुलाकात कर सकेंगे. स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन से यह व्यवस्था लागू होगी. मुलाकाती 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट जेल प्रशासन को देनी होगी. मास्क लगाने के साथ ही सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखना होगा. शासन से मिली कोरोना गाइडलाइन के बाद आगरा मंडल की सभी जेलों के अधीक्षकों ने बंदियों की मुलाकात करने की तैयारी शुरू कर दी है.
कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 को लॉकडाउन लगा तो उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों की परिजनों से मुलाकात बंद हो गई. सरकार ने यह कदम जेलों में बंद 1 लाख से अधिक बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उठाया था. तमाम तरह की सावधानी बरतने की गाइडलाइन भी सरकार ने जारी की. इसके बाद प्रदेश की कई जेलों में कोरोना संक्रमण की चपेट में बंदी और कैदी आ गए. इससे ही बंदियों की अपनों से मुलाकात बंद थी.
मास्क लगाना अनिवार्य
आगरा मंडल की 8 जेल में करीब 12 हजार बंदी और कैदी निरुद्ध हैं. 16 माह में आगरा केंद्रीय कारागार और जिला कारागार में 40 से ज्यादा बंदी, कैदी और स्टाफ कोरोना संक्रमित हुए. 2 बंदियों की कोरोना के चलते मौत हुई है. जेल प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के चलते सैनिटाइजेशन, वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया. अब 16 अगस्त से कोरोना गाइडलाइन की पाबंदी और शर्तों के साथ ही लोग जेल में बंद बंदियों से मिल सकेंगे.
आगरा केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि शासन से मिली कोरोना गाइड लाइन का पालन कराते हुए बंदियों की उनके परिजनों से मुलाकात कराई जाएगी. कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक, प्रत्येक मुलाकाती को बंदियों से मिलने से पहले जेल-प्रशासन को 72 घंटे के अंदर की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लानी होगी. एक सप्ताह में बंदी से एक बार में अधिकतम 2 लोग ही मुलाकात कर सकेंगे. मुलाकात के दौरान भी परिजनों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करना होगा. हर मुलाकाती की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. सैनिटाइजेशन पर भी जोर रहेगा. हर मुलाकाती को मास्क लगाना अनिवार्य है. मुलाकात के बाद बंदियों को भी बैरक में जाने से हाथ सैनिटाइज करने होंगे.
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