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आगरा सेंट्रल जेल पहुंचे अभिषेक बच्चन, जेल की बढ़ाई गई सुरक्षा - अभिषेक बच्चन पहुंचे आगरा

फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन अपनी आगामी फिल्म की शूटिंग के लिए सोमवार सुबह आगरा सेंट्रल जेल पहुंचे. अभिषेक बच्चन के साथ फिल्म यूनिट भी उनके साथ मौजूद रही. बता दें कि अभिषेक बच्चन यहां अपनी आगामी फिल्म दसवीं की शूटिंग के लिए पहुंचे हैं.

आगरा सेंट्रल जेल पहुंचे अभिषेक बच्चन
आगरा सेंट्रल जेल पहुंचे अभिषेक बच्चन

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Published : Feb 23, 2021, 4:20 PM IST

आगरा:जिले के सेंट्रल कारागार में सोमवार सुबह से अभिषेक बच्चन की आगामी फिल्म दसवीं की शूटिंग शुरु हुई. फिल्म की शूटिंग सुबह से देर शाम तक चली. फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में अभिनेता अभिषेक बच्चन और यामी गौतम हैं. रविवार देर रात ही अभिषेक बच्चन और अन्य साथी कलाकर आगरा पहुंच गए थे. सुबह सात बजे केंद्रीय कारागार के गेट पर पूजा के बाद फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. फिल्म की शूटिंग करीब एक माह तक आगरा में केंद्रीय कारागार के अवाला अन्य स्थानों पर भी होगी.

शूटिंग का लंबा शेड्यूल

अभिनेता अभिषेक बच्चन के साथ यूनिट के साथी कलाकार भी सोमवार सुबह करीब सात बजे केंद्रीय कारागार पहुंचे. कारागार में पहले पूजा हुई. इसके बाद फिल्म की शूटिंग शुरू की गई, जिसमें अभिनेता अभिषेक बच्चन और अन्य कलाकारों पर कई दृश्य फिल्माए गए. देर शाम तक शूटिंग चलती रही. अभिनेता अभिषेक बच्चन फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल में ठहरे हैं.

सेंट्रल जेल की सुरक्षा कड़ी

केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह का कहना है कि फिल्म दसवीं की प्रोडक्शन टीम ने केंद्रीय कारागार में शूटिंग के लिए शासन से अनुमति ली है. केंद्रीय कारागार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शूटिंग में हिस्सा लेने वाले कलाकारों के लिए गाइडलाइन बनाई गई. हर कलाकारों को फोटो युक्त पहचान पत्र जारी किए गए हैं. जेल के मुख्य गेट पर कलाकारों के लिए अलग से रजिस्टर बनाने के साथ ही बायोमीट्रिक मशीन लगाई गई है. कलाकार और प्रोडक्शन टीम के सदस्य बायोमीट्रिक हाजिरी के बाद जेल के अंदर या बाहर जा सकेंगे. फिल्म की शूटिंग में केंद्रीय कारागार के बंदी व स्टाफ हिस्सा नहीं लेंगे.

बता दें कि फिल्म दसवीं की कहानी एक भ्रष्ट और पाॅवरफुल राजनेता की है. वह जेल में पहुंच जाता है. मगर, वहां के नियम और कायदे नहीं मानता है. वह जेल अधिकारियों के साथ ही साथी बंदियों पर भी रौब दिखाता है, जो बाद में अनुशासित नागरिक बनकर बाहर आता है. जेल प्रशासन धीरे-धीरे उसमें बदलाव लाता है, जिससे वह जेल में रहकर दसवीं पास करके अनुशासित नागरिक के रूप में बाहर निकलता है. जेल में चल रहे बंदियों के लिए वेलफेयर के प्रयास और रोजगार के प्रशिक्षण सहित अन्य तरीकों से उसके जीवन में बदलाव आता है.

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