आगरा: पारस अस्पताल में हुए मौत के मॉकड्रिल (Mockdrill of Death) मामले में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं. शुक्रवार को इस प्रकरण के पीड़ित परिवारों से संजय सिंह ने मुलाकात की. संजय सिंह का आरोप है कि पारस हॉस्पिटल (उस वक्त कोविड समर्पित अस्पताल (covid dedicated hospital) के संचालक डॉ. अरिंजय जैन को यूपी सरकार और आगरा प्रशासन बचा रहा है. यही कारण है कि पीड़ित परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है. आपको बता दें कि संजय सिंह पार्टी में सदस्य जोड़ो अभियान के तहत ताजनगरी पहुंचे थे.
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) के बीच 26 अप्रैल की सुबह सात बजे ऑक्सीजन (oxygen) बंद करने की मॉकड्रिल की गई थी. मॉकड्रिल में 96 में से 22 कोविड संक्रमित मरीजों (covid infected patients) की मौत होने का दावा किया जाता है. जो 74 मरीज बचे थे, उनके तीमारदारों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए गए थे. इस पूरे प्रकरण से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें मॉकड्रिल की हकीकत सामने आई थी. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि पारस हॉस्पिटल के संचालक पर प्रशासन मेहरबान है. अधिकारी दलाली खाते हैं. यही बड़ा कारण है कि मौत की मॉकड्रिल करने वाले पारस हॉस्पिटल के संचालक पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पीड़ित परिवारों से मिलकर आप राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने सदन में यह मुद्दा उठाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मामले को हाईकोर्ट तक लेकर जाऊंगा, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके.
इसे भी पढ़ें-पारस अस्पताल को क्लीन चिट देकर सरकार ने अपना असल चेहरा दिखाया: कांग्रेस
ताजनगरी में आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित पारस हॉस्पिटल संचालक के डॉ. अरिंजय जैन के 4 वीडियो 7 जून को वायरल हुए थे, जिसमें डॉक्टर अरिंजय अपने हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के ऊपर की गई ऑक्सीजन हटाने की मॉक ड्रिल की बात कर रहे हैं. यह बात 26 अप्रैल 2021 को हुई थी. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे, जिसमें से 22 मरीजों के छटने की बात कही गयी थी. दावा किया जाता है कि 22 मरीजों की उस दौरान मौत हो गई थी. हालांकि, प्रशासन अभी तक 22 मौतों की बात से इनकार कर रहा है. आपको बता दें कि मौत के मॉकड्रिल मामले में पारस अस्पताल को क्लीनचिट भी दे दी गई है.