आगरा: आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खुलासे से प्रदेश के डाॅक्टर्स में खलबली मची हुई है. सीएमओ की रिपोर्ट में ऐसे 15 डाॅक्टर्स हैं जिनके नाम 449 हाॅस्पिटल्स और चिकित्सा इकाइयां पंजीकृत हैं. इन चिकित्सकों ने एकमुश्त मोटी रकम, कमीशन और हाॅस्पिटल में पार्टनरशिप के लिए अपनी डिग्री झोलाछाप को किराए पर उठा रखी हैं. इससे इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलावाड़ किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 15 डाॅक्टर्स हर महीने लाखों रुपये की काली कमाई कर रहे हैं. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में आगरा सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने इन डाॅक्टर्स और उनकी डिग्री से पंजीकृत चिकित्सा संस्थान संचालकों पर कार्रवाई की पूरी तैयारी कर ली है. इसमें इन चिकित्सा संस्थान का पंजीकरण निरस्त करने के साथ ही विधिक कार्रवाई के साथ ही डाॅक्टर्स का रजिस्ट्रेशन भी खत्म कराया जाएगा.
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि छानबीन के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर 15 डाॅक्टर्स को नोटिस दिए थे जिनमें से गुरुवार तक तीन डॉक्टर ने शपथपत्र और जवाब कार्यालय में जमा किया है. इसमें उन्होंने खुद की डिग्री के दुरुपयोग का आरोप अराजकतत्वों पर लगाया है. कई साल से उनके नाम से चिकित्सा संस्थान संचालित होने के सवाल पर डाॅक्टर्स का जबाव टालमटोल वाला है. इसके साथ ही अलीगढ और बुलंदशहर से समेत एक अन्य जगह से डाॅक्टर भी नोटिस पर कार्यालय आए. उन्होंने अपनी डिग्री के दुरुपयोग की बात कही मगर, शपथ पत्र नहीं दिया है. कई सवाल के जवाब भी तीनों डाॅक्टर्स ने गोलमोल दिए हैं. सभी 15 डाॅक्टर्स के शपथ पत्र और जबाव के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एक से ज्यादा हाॅस्पिटल पर तीन तरह से कार्रवाई की जाएगी. पहले ऐसे सभी डाॅक्टर्स से शपथपत्र मांगा है. हाॅस्पिटल या चिकित्सा संस्थान में उनके सेवाएं देने का सीसीटीवी फुटेज मांगा है इसके साथ ही जिन्होंने दूसरे लोगों के लिए अपने दस्तावेज से हाॅस्पिटल या चिकित्सा संस्थान का पंजीकरण कराया है उन्हें भी नोटिस दिया है. इसके साथ ही ऐसे चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने और उनके खिलाफ विधि के मुताबिक कार्रवाई करने के लिए तैयारी कर रहे हैं.