आगराःविश्व भर से विलुप्त जलीय जीव घड़ियाल की प्रजाति चंबल नदी में लगातार बढ़ रही है. इनका कुनबा दिनों दिन बढ़ता चला जा रहा है. चंबल नदी में वाइल्ड लाइफ वन विभाग की देखरेख में इनका संरक्षण किया जा रहा है. वहीं लखनऊ कुकरैल प्रजनन केंद्र में जन्मे 35 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा गया. जिसमें 12 नंदगवां, 11 सहसों, 12 महुआ सूडा चंबल नदी घाट पर पानी में छोड़े गए.
चंबल नदी की बालू से घड़ियालों के अंडे लखनऊ कुकरैल प्रजनन केंद्र ले जाए गए थे. यहां से इनका संरक्षण होने के बाद चंबल नदी में छोड़ा गया है. पूर्व में हुए वन विभाग एवं एक्सपर्टो के सर्वे में 2176 घड़ियाल मिले थे. अब इनकी संख्या बढ़कर 2211 हो गई है. चंबल नदी के किनारे रेत पर मई-जून में घड़ियाल माता बच्चों के अंडे देती है. जहां से अंडों को इकट्ठा करके लखनऊ कुकरैल प्रजनन केंद्र ले जाते हैं.
यहां देख रेख के बाद इनकी हेचिंग होती है. अंडों से घड़ियाल के बच्चे बाहर निकलते ही 3 साल तक मछलियां खिलाकर इनका संरक्षण किया जाता है. विश्व भर में घड़ियाल प्रजाति संकट से गुजर रही है. जबकि इनकी सर्वाधिक आबादी 80 फीसदी चंबल में मौजूद है. लगातार इनका कुनबा हर वर्ष बढ़ता चला जा रहा है. वन विभाग एवं एक्सपर्टो की टीम के सर्वे में हर वर्ष रिजल्ट सैकड़ों में बदल रहे हैं.