आगरा: आगरा में एक संस्था अयोध्या के श्री राम मंदिर के लिए तीन हज़ार किलोग्राम की स्टील से निर्मित वाल्मीकि रामायण तैयार कर रही हैं. संस्था ने प्रारूप के तौर पर रामायण का 95 किलोग्राम का महात्म तैयार कर लिया हैं. बड़ी रामायण श्री राम मंदिर की वर्षगांठ पर भेंट की जाएगी. इसमें कई प्रकार की अनोखी खूबियां (World's largest and heaviest Ramayana) होगी.
सतयुग से लेकर कलयुग तक ईश्वर के साक्षात निराकार स्वरूप की कल्पना हमे वेद-पुराण और रामायण सहित अन्य ग्रंथो में देखने को मिलती हैं. लेकिन आधुनिक तकनीक की दुनियां में वेद-पुराणों को सुरक्षित रखने के लिए लोग काफी चिंतित हैं. इसी समस्या के समाधान के लिए आगरा के शास्त्रीपुरम में स्थित श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्था स्टील निर्मित वाल्मीकि रामायण का निर्माण कर रही है. इसका 95 किलोग्राम का महात्म संस्था ने तैयार कर लिया है. इसका बड़ा स्वरूप अयोध्या के श्री राम मंदिर की वर्षगांठ पर भेंट किया जाएगा.
संस्था की सदस्य आराधना सैनी ने बताया कि कोरोना के खाली समय मे घर की सफाई के दौरान रामायण मिली. उसके पन्ने फट गए थे और उसमें दीमक लग गयी थी. इसे देखकर धार्मिक आस्था विचलित हुई. उन्होंने सोचा कि क्यों न ग्रंथ को धातु पर उकेरा जाए. संस्था के सदस्यों ने विचार-विमर्श कर पूरी एक महीने की मेहनत से 95 किलोग्राम की छोटी रामायण का महात्म तैयार कराया है. इस स्टील की रामायण में सात पन्ने हैं. इसके प्रत्येक पेज पर महर्षि वाल्मीकि रामायण की चौपाइयां, श्लोक उकेरे गए हैं. इस महात्म स्वरूप को जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा.