आगरा:कोरोना संक्रमण और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच बुधवार को नगर निगम का 17वां अधिवेशन सूरसदन प्रेक्षागृह में हुआ. अधिवेशन में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का मामला छाया रहा. पार्षद, विधायक, सांसद और राज्यमंत्री ने अधिकारियों से जबाव मांगा. अधिवेशन में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा, हाउस टैक्स सहित अन्य प्रस्ताव पेश किए गए. सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का 534 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट और जलकल विभाग का वित्तीय वर्ष 2020-21 का 158.34 करोड़ रुपए का बजट भी पेश किया गया. आगरा नगर निगम के अधिवेशन के लिए सूरसदन प्रेक्षागृह को सैनिटाइज किया गया. सूरसदन प्रेक्षागृह में 900 सीट हैं, इसलिए अधिवेशन में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया.
बता दें कि नगर निगम के 15वें अधिवेशन में शहर की डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में हुए घोटाले पर चर्चा हुई थी. इसमें निगम अधिकारी और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई और एफआईआर पर एकराय बनी थी. बुधवार को 17वें सदन में राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश, आगरा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, विधायक योगेंद्र उपाध्याय, विधायक राम प्रताप सिंह और विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल के साथ पार्षदों ने फिर कूड़ा कलेक्शन घोटाले को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को घेरा और अपनी आपत्ति दर्ज कराई. इस पर अपर नगर आयुक्त ने सदन में जानकारी दी कि कूड़ा कलेक्शन घोटाले में दोषी कंपनियों की आरसी काटी गई थी. जिम्मेदार दोषी अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है. इसके साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के लिए हरीपर्वत थाने पर तहरीर दी गई है.