आगरा: जिला प्रशासन की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट लगातार 160 परिवारों को राशन देने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. मामला यूपी महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित के भी संज्ञान में आया, लेकिन फिर भी इन परिवारों को राशन नहीं मिला. वहीं जब उत्तराखंड की राज्यपाल और आगरा की पूर्व महापौर बेबी रानी मौर्य को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल जरूरतमंद परिवार को राशन मुहैया कराने को कहा.
राशन लेते परिवार के सदस्य. महफूज सुरक्षित बचपन के समन्वयक नरेश पारस ने लॉकडाउन में पचकुइयां स्थित डीआईओएस कार्यालय के पास झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले 45 परिवार और मोती महल के पास इंद्रा गांधी नगर की मारवाड़ी बस्ती के 115 परिवार के लिए राशन सामग्री दिलवाने के लिए 10 अप्रैल 2020 को पत्र लिखा. भले ही इन परिवारों को स्थानीय पुलिस की तरफ से खाने के पैकेट दिए जाते हैं, लेकिन ये पैकेट देरी से आते हैं.
यूं पहुंची राज्यपाल तक पीड़ा
नरेश पारस ने बताया कि मदद के लिए उत्तर प्रदेश राज्य महिला अधिकार आयोग से संपर्क किया. आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने बिना समय बर्बाद किए उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से संपर्क किया और उन्हें इन परिवारों की दुर्दशा से अवगत कराया, जिसके मद्देनजर त्वरित कार्रवाई की गई और राशन इन परिवारों तक पहुंच सके, इसकी व्यवस्था की गई.
आगरा की बेटी हैं राज्यपाल
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य आगरा की बेटी हैं. वे यहां की पूर्व महापौर भी रही हैं. इसलिए यहां की हर समस्या को जानती और समझती हैं. सभी 160 परिवार राशन सामग्री किट पाकर खुश हैं.
निर्मला दीक्षित ने दिए किट
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने सभी जरूरतमंद परिवार को राशन सामग्री की किट प्रदान की. इसमें 45 राशन सामग्री किट सदर तहसील और 115 राशन सामग्री की किट एत्मादपुर तहसील की ओर से उपलब्ध कराई गई है.
राशन के लिए लाइन में खड़े परिवार के सदस्य. 'बाल अधिकारों की सच्ची चैंपियन'
चाइल्ड राइट्स एंड यू की सीईओ पूजा मारवाहा ने कहा कि इस तरह के प्रयास, योगदान और प्रत्येक व्यक्ति के लिए आगे आकार प्रयास करना, उत्तराखंड की राज्यपाल द्वारा निर्धारित किया गया एक महान उदाहरण है. उन्होंने जरूरत के समय में बच्चों को सबसे पहले प्राथमिकता दी. हमारे लिए वह बाल अधिकारों की सच्ची चैंपियन हैं.
राशन सामग्री किट
- दो किलोग्राम आलू
- पांच किलोग्राम आटा
- दो किलोग्राम चावल
- एक किलोग्राम चीनी
- मसाले (धनिया, मिर्च, हल्दी, नमक)
- सरसों का तेल
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की वजह से जिन परिवार को राशन सामग्री की किट मिली हैं. वे दो समुदाय के हैं, जो दशक से आगरा में रहे हैं. इसमें एक समुदाय नजरबट्टू और दूसरा समुदाय हंटर बनाकर परिवार पाल रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन में परिवार के सामने दो वक्त की रोटी की समस्या आ गई थी.