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यूपीसीए के निदेशक पर आईपीएल में जाने पर बैन, वाराणसी में स्टेडियम निर्माण की होगी जांच - cricket stadium varanasi investigation

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने यूपीसीए के निदेशक युद्धवीर सिंह को इंडियन प्रीमियर लीग में कहीं भी जाने पर प्रतिबंधित कर दिया है. इस बाबत उन्होंने बीसीसीआई के सचिव जय शाह को पत्र भी लिखा है. इसके अलावा खेल निदेशक ने वाराणसी में क्रिकेट स्टेडियम के मामले में जांच का अनुरोध किया है.

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Published : Apr 3, 2023, 10:13 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बीसीसीआई के सचिव जय शाह को पत्र लिखकर कहा है कि यूपीसीए के निदेशक युद्धवीर सिंह को इंडियन प्रीमियर लीग में कहीं भी जाने पर प्रतिबंधित कर दिया जाए. अरविंद श्रीवास्तव ने उन पर हठधर्मिता का आरोप लगाया है. दूसरी ओर खेल निदेशक आरपी सिंह ने पत्र लिखकर युद्धवीर सिंह के खिलाफ की गई एक शिकायत के मामले में जांच करने का अनुरोध किया है. यह शिकायत ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान वाराणसी में क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए किए गए समझौते के संबंध में है.

यूपीसीए के निदेशक पर आईपीएल में जाने पर बैन, वाराणसी में स्टेडियम निर्माण की होगी जांच.
उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक आरपी सिंह ने प्रमुख सचिव खेल को लिखे गए एक पत्र में युद्धवीर सिंह पर शिकायत के संबंध में जांच कराने का अनुरोध किया है. इस पत्र में उल्लेख है कि प्रदीप सिंह नाम के शिकायत कर्ता ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री को UP global Investor Summit के सफल आयोजन के लिए बहुत बधाई दी है. साथ ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के वाराणसी में स्टेडियम को लेकर हुए समझौते की सच्चाई से भी अवगत कराया है.
यूपीसीए के निदेशक पर आईपीएल में जाने पर बैन, वाराणसी में स्टेडियम निर्माण की होगी जांच.



उन्होंने बताया है कि इसी प्रयास की कड़ी में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर युद्धवीर सिंह द्वारा बनारस में प्रधानमंत्री के क्षेत्र में एक क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए एक समझौता भी साइन किया है. जिसकी तारीफ सभी जगह की गई. इस समझौते की हकीकत एवं उनकी मंशा कुछ औऱ है. पिछले कई साल से हुई एजीएम / एपेक्स काउंसिल की सभी बैठकों में कभी भी बनारस में क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए कोई भी निर्णय तो छोड़िए जिक्र भी नही हुआ. हाल ही में 20/01/2023 को हुई बैठक में भी कोई वार्तालाप नहीं हुआ. बॉम्बे उच्च न्यायालय में खुद युद्धवीर सिंह द्वारा एक शपथ पत्र में कहा गया है कि सारे निर्णय एपेक्स काउंसिल की बैठकों में लिए जाते हैं. इसमें डायरेक्टरों का कोई रोल नहीं है. अचानक ही युद्धवीर सिंह स्वयं निर्णय लेते हुए इस summit में भाग लेने चले गए और आनन फानन में समझौता साइन कर दिया.

यह निर्णय युद्धवीर सिंह पर लगे फर्जी दस्तावेज पर कॉलेज में नौकरी नियमित करने के आरोप से बचने एवं सरकार के उच्च अधिकारियों से संपर्क कर अपने को बचाने की कवायद के कारण किया था. क्योंकि हाल में ही राज्यपाल द्वारा उनके ऊपर जांच समिति बैठाई थी और न्यू पेपर द्वारा समाचार मिला था कि युद्धवीर के आधार प्रयासों के बावजूद जांच रिपोर्ट उनके खिलाफ दी गई थी. दूसरी और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बीसीसीआई के सचिव जय शाह को चिट्ठी लिख दी है. जिसमें उन्होंने अनुरोध किया है कि इंडियन प्रीमियर लीग में कहीं भी युद्धवीर सिंह के जाने पर रोक लगा दी गई है. इसलिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी इस बात का संज्ञान ले. आरोप है कि युद्धवीर सिंह लगातार उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में मनमानी कर रहे हैं.

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