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बहराइच: पंचायत का कार्यकाल हुआ पूरा फिर भी विकास अधूरा

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं. सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. ईटीवी भारत की टीम ने बहराइच जिले के कई गांवों में हुए विकास कार्यों की पड़ताल की. सुनिए क्या कहते हैं गांव के मतदाता.

यूपी पंचायत चुनाव 2021
यूपी पंचायत चुनाव 2021

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Published : Mar 30, 2021, 5:20 AM IST

बहराइच:उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. गांव की सरकार चुनने को मतदाता भी तैयार हैं. चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. ईटीवी भारत की टीम लगातार गांव गांव जाकर मतदाताओं को टटोल रही है. पिछले पांच सालों में कितना विकास कार्य हुआ, कितना मतदाता संतुष्ट है. सुनिए क्या कह रहे हैं मतदाता...

यूपी पंचायत 2021

पंचायत चुनाव को लेकर सुनिए मतदाताओं की राय

माधव रेती गांव के स्थानीय निवासी वंशराज का कहना है गांव में एक नहीं बहुत सारी समस्याएं हैं. कई बार अधिकारियों से इन समस्याओं को लेकर शिकायत भी की गई. लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है, न घर में आज तक शौचालय मिला न आवास मिला न कोई शौचालय मिला. इसी गांव के स्थानीय बेवा बिटाना का कहना है कि रहने को मकान नहीं है, जिस मकान में रहती हैं वह पूरी तरीके से जर्ज़र है. प्रधान ने अभी तक न शौचालय दिया है न ही कॉलोनी दिया. पूरे गांव में खड़ंजा तक नहीं है.

तेमड़िया गांव के स्थानीय बृजराज ने आरोप लगाया कि प्रधान ने कॉलोनी के नाम पर पैसे खा लिया. जो भी प्रत्याशी चुना जाएगा हमारा मुद्दा नाली खड़ंजा आवास शौचालय रहेगा.

कोड़री गांव की दुलारा देवी ने बताया कि 5 साल में कोई काम नहीं हुआ है. जीतने के बाद प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य गांव में दोबारा देखने तक नहीं आए. गांव में इन 5 सालों में कोई विकास नहीं हुआ है.


मोहरना गांव के विजय कुमारने बताया कि पूरे गांव में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं है. गांव के अंदर ना नाली है न खड़ंजा है. एक हैंड पाइप तक नहीं लगा हुआ है. 5 साल में कोई विकास नहीं हुआ है. वहीं इसी गांव की नीतू का कहना है कि पूरे गांव में किसी का राशन कार्ड तक नहीं बना है. ना शौचालय आया है ना किसी को आवास दिया गया है. 5 साल में कोई काम नहीं किया गया है.


बड़ागांव के रहने वाले पिंटू निषाद ने आरोप लगाया कि 5 साल में लोगों को आवास दिए गए हैं. जो पात्र थे उनको नहीं दिया गया है और जो अपात्र थे उनको दे दिया गया है. 5 साल में गांव में कोई काम नहीं किया गया है. ना किसी को शौचालय मिला है ना किसी को आवास मिला है. गांव में गंदगी भरी पड़ी है.

बरौवा गांव की किरन ने बताया कि गांव में पीने का शुद्ध पानी तक नहीं है, ना शौचालय है ना किसी को आवास मिला है. गांव में पूरे नाली खड़ंजा कुछ भी नहीं है. 5 साल में कोई काम किसी ने भी नहीं किया है.

गुरचाही गांव की मंजू देवीने बताया कि गांव के अंदर 5 साल में किसी भी जनप्रतिनिधि ने कोई काम नहीं किया है, ना किसी को आवास दिया है, ना किसी को शौचालय दिया. गांव में ना नाली है ना खरीदा है. गांव में समस्याएं ही समस्याएं हैं.

बरौवा गांव के ही एक और निवासी विजय कुमारने बताया कि प्रधान अपने घर के आस-पास ही विकास कर आते हैं. अपने गांव में बस थोड़ा बहुत काम कराया है. उसके बाद आसपास के गांव में कुछ भी नहीं करा है. यहां जो भी काम हुआ है 20 25 साल से इस गांव में कोई काम नहीं हुआ है.

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