शामली: प्रदेश के गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा ने थाना भवन विधानसभा में अपना वोट डाला. गन्ना राज्यमंत्री पत्नी तीना राणा के साथ वोट डालने प्राथमिक विद्यालय नंबर एक पर बने बूथ पर पहुंचे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर मोदी के लिए वोट किया जा रहा है. विजय का शंखनाद हो चुका है. सभी वर्गों को साथ लेकर मोदी जी चल रहे हैं. सभी लोग उत्साह के साथ मतदान कर रहे हैं.
गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा का कहना है कि लोग जाति-धर्म की दीवारें तोड़कर वोट कर रहे हैं. मोदी सरकार ने सबका साथ सबका विकास वादे को पूरा करने का काम किया है. सभी क्षेत्रों में विकास हुआ. देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाया है. देश की सीमा सुरक्षित की हैं.
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने किया मतदान. मतदान करने जरूर जाएं
मतदान हमारा अधिकार है. इस अधिकार का प्रयोग सोच समझकर करें. ऐसा सांसद चुने जो आपकी बात सुन सके. वे भी अपना मत जरूर डालेंगे और एक अच्छे नागरिक की तरह मजबूत राष्ट्र बनाने में अपना सहयोग करेंगे. आप भी पूरे परिवार के साथ वोट डालने जाएं.
कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रदीप चौधरी और सपा की तबस्सुम हसन के बीच कड़ा मुकाबला है. कांग्रेस के हरेंद्र मलिक चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने में लगे हैं. शामली जनपद की कैराना लोकसभा सीट पर चुनाव के दौरान होने वाली वोटिंग में दिव्यांग वोटर भी अपने वोट को लेकर जागरूकता दिखा रहे हैं. ये वोटर एक मजबूत सरकार चुनने का संकल्प ले रहे हैं. दिव्यांगों को वोट डालने आता देख अन्य वोटर भी अपने वोट के प्रति जागरूक होते दिख रहे हैं.
सुरेश राणा गन्ना विकास राज्यमंत्री. पोलिंग बूथ पर धीरे-धीरे मतदाताओं की लाइन बढ़ती जा रही है. कैराना लोकसभा सीट पर वोटिंग के दौरान युवा और बुजुर्ग और दिव्यांग काफी उत्साह के साथ वोट डालने आ रहे हैं. दिव्यांग अपने परिजनों के साथ व्हीलचेयर से आकर वोट डाल रहे हैं. युवा जो पहली बार वोट डाल रहे हैं उनमें भी देश को मजबूत बनाने की चाहत है.
भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी की ताकत मोदी फैक्टर है. वह कहते हैं कि जनता मोदी के नाम और काम दोनों पर वोट करेगी. पीएम व सीएम की रैलियों के बाद भाजपा नेता, पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का टिकट कटने से गुर्जरों की नाराजगी दूर होने का दावा कर रहे हैं. भाजपा की चुनौती जाट वोट है. कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मलिक जाट हैं. दूसरे सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के कारण रालोद समर्थक जाट मतदाताओं के गठबंधन के पक्ष में चले जाने की संभावना है.