लखनऊ :बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों को लेकर आश्वस्त हैं. शायद यही कारण है कि उन्होंने राज्य में सिर्फ 4 रैलियां की हैं. साथ ही वह खुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए भी ऐसा कर रही हैं.
लखनऊ : राष्ट्रीय फलक पर अपना वजूद बरकरार रखना चाहतीं हैं मायावती - उत्तर प्रदेश
पिछले चुनाव में मात खाने के बाद बसपा-सपा का इस बार गठबंधन हुआ है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव की नजर उत्तर प्रदेश पर है तो वहीं बसपा प्रमुख मायावती की नजर देश के अन्य प्रदेशों पर भी है. मायावती की चुनावी सभाएं यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी हो रही हैं. बसपा मत प्रतिशत बढ़ाकर राष्ट्रीय फलक पर अपना वजूद बरकरार रखना चाहती है.
बसपा सुप्रीमो मायावती की नजर देश के अन्य प्रदेशों पर भी है
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ में संयुक्त सभा कर अखिलेश यादव के लिए वोट मांगा. नौ मई को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पहली जनसभा मेला मैदान में करेंगी. दूसरी जनसभा पानीपत जिले में स्थित मैदान सेक्टर 13/17 हुड्डा पानीपत में चुनावी जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है.
इससे पहले बसपा अध्यक्ष मायावती हरियाणा में 29 अप्रैल को भी चुनावी जनसभा संबोधित कर चुकी हैं. पहली जनसभा चौधरी सुरेंद्र सिंह मेमोरियल पार्क सिटी सेंटर में और दूसरी जनसभा फरीदाबाद जिले के दशहरा मैदान एनआईटी फरीदाबाद में की थी. इससे पहले बसपा अध्यक्ष मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुकी हैं.
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी की लहर के चलते बहुजन समाज पार्टी को काफी नुकसान हुआ था. उत्तर प्रदेश से बसपा का एक भी उम्मीदवार चुनाव जीतकर संसद नहीं पहुंच सका. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ. 2007 में अकेले दम पर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज होने वाली बसपा दस साल बाद 2017 के विधान सभा चुनाव में दो दर्जन सीटें भी जीत न सकीं.