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आजमगढ़ : कांग्रेस में शामिल हुए रमाकांत यादव, निरहुआ पर की विवादित टिप्पणी

लोकसभा चुनाव हैं तो सियासी दिग्गज तमाम संभावनाओं के आधार पर पाला बदलने में जुटे हुए हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बीजेपी के कद्दावर नेता रमाकांत यादव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को चुनावी मैदान में उतारा है. माना जा रहा था कि रमाकांत यादव निरहुआ को सीट मिलने की वजह से नाराज थे.

कांग्रेस में शामिल हुए रमाकांत यादव

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Published : Apr 13, 2019, 2:27 PM IST

आजमगढ़: भारतीय जनता पार्टी द्वारा आजमगढ़ संसदीय सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी बनाए गए भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ पर पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि आजमगढ़ की जनता तय करेगी कि यहां से सांसद नेता चुना जाएगा या नाचने वाला.

मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि आजमगढ़ सदर सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी न होने के कारण कांग्रेस समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन करेगी. अखिलेश यादव के सामने दिनेश लाल यादव कैसे लड़ाई लड़ेगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला आजमगढ़ की जनता तय करेगी. उसे नेता चाहिए या नाचने वाला. सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा भोजपुरी कलाकार को सम्मान दिया जाने के सवाल पर पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि मैंने भी एक बार सौ रुपया दिया था और निरहुआ ने शुक्रिया अदा किया था और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जनपद का शुक्रिया अदा करेगा.

निरहुआ पर रमाकांत की विवादित टिप्पणी.

कांग्रेस में शामिल हुए रमाकांत यादव

  • बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए आजमगढ़ के कद्दावर नेता रमाकांत यादव
  • रमाकांत यादव से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे निरहुआ, मुलाकात के बाद की थी फेसबुक पोस्ट
  • आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को दिया है टिकट
  • एसपी-बीएसपी गठबंधन में आजमगढ़ सीट समाजवादी पार्टी के पास, चुनावी मैदान में अखिलेश यादव

रमाकांत यादव का राजनीतिक सफर

1996 में समाजवादी पार्टी से रमाकांत यादव का सफर शुरू हुआ. 1999 में फिर वह एसपी के टिकट पर जीते. 2004 में रमाकांत बीएसपी में गए और फिर जीत दर्ज की. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रमाकांत पर दांव चला और फिर उनकी जीत हुई. हालांकि 2014 में भी वह बीजेपी के उम्मीदवार थे और उनके साथ मोदी लहर भी थी लेकिन एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उन पर जीत दर्ज कर एक बार समाजवादियों के इस गढ़ को अपने पाले में ले जाने में सफल रहे.

कांग्रेस में शामिल हुए रमाकांत यादव


आजमगढ़ संसदीय सीट से 2014 का लोकसभा चुनाव पूर्व सांसद रमाकांत यादव मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़े थे और इस लड़ाई में कांटे का मुकाबला हुआ था. 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने पूर्व सांसद का टिकट काटकर उनके स्थान पर भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ को दे दिया जिससे काफी नाराज चल रहे थे.

बताते चलें कि दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ हाल ही में रमाकांत यादव के पास पहुंचे थे. एफबी पर तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि शेरे पूर्वांचल के आशीर्वाद और समर्थन से आजमगढ़ में कमल खिलेगा. रमाकांत यादव ने शुक्रवार को एक बड़ा दांव चलते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया.

आजमगढ़ संसदीय सीट

मुस्लिम-यादव बहुल इस सीट पर मोदी लहर में भी समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज कर एसपी के इस गढ़ को पार्टी के लिए बरकरार रखा. हालांकि, यहां, मुलायम ने तकरीबन 63 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. हैरानी वाली बात यह भी है कि आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने हाल ही में रमाकांत यादव से मुलाकात की थी. उन्होंने अपने ऑफिशल फेसबुक अकाउंट से लिखा था, 'शेर-ए-पूर्वांचल रमाकांत यादवजी के आशीर्वाद और समर्थन से आजमगढ़ में कमल खिलेगा. फिर एकबार मोदी सरकार.'

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