वाराणसी: योगी सरकार ने तथागत गौतम बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के आसपास विकास का ख़ाका तैयार कर लिया है. पर्यटकों को लुभाने और उन्हें उच्च स्तरीय सुविधाएं देने के लिए प्रो-पूअर प्रोजेक्ट के तहत इस जगह को जल्द मूर्त रूप दिया जाना है. इसको लेकर जल निगम, जलकल व बिजली विभाग ने एनओसी दे दी है. अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से एनओसी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा. ऐसा होने पर सारनाथ के आसपास रहने वालो लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे.
भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ का विश्व के धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर विशेष महत्व है. तथागत की भूमि सारनाथ को बौद्ध भिक्षुओं का तीर्थ स्थल माना जाता है. यहां विश्वभर से हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं. अब सारनाथ का समग्र विकास होगा, जिससे वहां रोजगार का अवसर मिलेगा और रहने वालों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा. इसके लिए सारनाथ में प्रो-पुअर प्रोजेक्ट की शुरुआत जल्द होने वाली है.
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि सारनाथ के आसपास विकास का ख़ाका तैयार हो गया है. इसके लिए प्रो-पूअर प्रोजेक्ट के तहत विकास कार्य कराए जानें हैं. प्रो-पूअर प्रोजेक्ट को विश्वबैंक से अनुदान मिला है. इस परियोजना की लागत 72.63 करोड़ रुपये है. वर्ल्ड बैंक इस परियोजना को फंड करेगा. 2022 के अंत तक इस परियोजना को पूरा किया जाएगा.
ईशा दुहन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए जल निगम, जलकल व बिजली विभाग से एनओसी मिल गई है. पुरातत्व विभाग से एनओसी मिलना शेष है. जिसके मिलते ही काम की शुरुआत हो जाएगी. प्रोजेक्ट के पूरा होने पर यहां अधिक से अधिक पर्यटक आ सकेंगे और बेहतर सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे. इससे सारनाथ के आसपास रहने वालों की आय में भी इजाफा होगा और रोज़गार के अवसर पैदा होंगे.