वाराणसी.धर्म और आस्था की नगरी काशी, यहां पर बाबा विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा, काल भैरव माता गंगा का पावन तट और भगवान बुद्ध का ज्ञान भी है. इस नगरी की इस अलौकिक आभा को निखारने का काम अलग-अलग विभागों के द्वारा तेजी से किया जा रहा है. एक तरफ जहां भव्य विश्वनाथ धाम बनकर तैयार है. वहीं, लंबे समय के बाद भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली यानी सारनाथ का भी कायाकल्प होने जा रहा है. शहर, एयरपोर्ट समेत रेलवे स्टेशन से सारनाथ की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाए जाने के बाद अब सारनाथ के कायाकल्प की तैयारी विश्व बैंक की मदद से की जा रही है.
दरअसल, भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ को पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायियों के साथ ही देश-विदेश के सैलानी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. शायद यही वजह है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन मंत्रालय (Uttar Pradesh Tourism Ministry) ने पूरे परिसर के साथ ही यहां मौजूद मंदिरों, सड़कें और रहने वाले लोगों के लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए एक प्लान तैयार किया है. इस प्लान को पिछले दिनों मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने इसका प्रेजेंटेशन भी देख लिया है. अब नई सरकार का गठन होने जा रहा है, तो सारनाथ को नए सिरे से तैयार करने की प्लानिंग की जा चुकी है.
इसके लिए पर्यटन मंत्रालय ने विश्व बैंक की सहायता से 100 करोड़ से सारनाथ का कायाकल्प करने की प्लानिंग की है. इसमें से 72 लाख सैंक्शन भी हो चुके हैं. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीजेपीआर का भी काम किया जा चुका है. विकास प्राधिकरण को कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है. कार्यदायी संस्था के रूप में विकास प्राधिकरण बहुत जल्द यहां पर काम की शुरुआत करेगा.
पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि सारनाथ तक पहुंचना पहले काफी मुश्किल काम था क्योंकि पांडेयपुर में जाम और शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाम लगने की वजह से लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती थी. एयरपोर्ट से भी सारनाथ आने के लिए शहर से होकर आना पड़ता था लेकिन अब पांडेपुर में फ्लाईओवर बनने के साथ ही लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Lal Bahadur Shastri International Airport) से सारनाथ को एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर बनाई गई रिंग रोड से कनेक्ट किया जा चुका है. इसकी वजह से यहां तक पहुंचने में कम समय लगता हैं. कनेक्टिविटी को बेहतर बनाए जाने के बाद अब सारनाथ के कायाकल्प की तैयारी शुरू हो गई हैं.
कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटन विकास की दृष्टि से चौखंडी स्तूप से लेकर सारनाथ रेलवे स्टेशन तक पाथवे के निर्माण के अलावा यहां पर पर्यटकों के प्रवेश के दौरान भव्य बुद्ध द्वार बनाए जाने का काम शुरू किया जा चुका है. इसके अलावा सारनाथ में अलग-अलग देशों से जिनमें जापान, इंडोनेशिया, श्रीलंका समेत कई अन्य बौद्ध संप्रदाय के देशों के मंदिरों को इंटरनेशनल लेवल का बनाए जाने के लिए इनके कायाकल्प का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा. सारनाथ क्षेत्र में कुल तीन प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे और सारनाथ म्यूजियम से लेकर धमेख स्तूप और धमेख स्तूप से लेकर धर्मपाल मंदिर तक के मार्केट को पूरी तरह से हाईटेक और स्मार्ट तरीके से विकसित किया जाएगा.
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पर्यटन अधिकारी ने बताया कि यहां पर दुकान लगाने वाले वेंडर्स को स्मार्ट कार्ड जारी किए जाएंगे. उनकी पहचान सुनिश्चित करने के साथ यहां आने वाले पर्यटकों को हर परेशानी से बचाने की पूरी तैयारी की जा रही है. सुरक्षा की दृष्टि से हर थोड़ी दूरी पर सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया जाएगा. यहां तक कि यहां रहने वाले बाशिंदों की लाइफ स्टाइल को बदलने के लिए बेहतर पीने के पानी की सुविधा, सीवर लाइन की व्यवस्था और बेहतर सड़क उपलब्ध कराने का कार्य भी जल्द शुरू होने जा रहा है.
इसके लिए वर्ल्ड बैंक की मदद से 100 करोड़ का बजट पिछली सरकार में ही स्वीकृत हो गया था. इसमें 72 लाख स्वीकृत भी किए जा चुके हैं. कार्य भी शुरू हो चुका है. सभी मंदिरों की इंटरकनेक्टिविटी बेहतर हो, इस दिशा में भी कार्य किया जाएगा. सबसे महत्वपूर्ण यहां की सड़कों का विकास होगा जो प्रोमिनाड बनाकर विकसित की जाएंगी.
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