वाराणसी:आज पूरे देश में गणेश उत्सव हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. भारत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह गणेश उत्सव मनाया जाता है. महाराष्ट्र से लेकर धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में भी गणपति बप्पा की विभिन्न मूर्ति बैठाई जा रही है. महादेव की नगरी में उनके पुत्र की पूजन अर्चन आज से प्रारंभ हो गया विभिन्न पंडालों और घरों में आग से बप्पा विराजमान हो गए.
काशी में बप्पा का अनोखा भक्त
विश्व की सबसे प्राचीनतम शहर काशी अस्सी क्षेत्र में बप्पा का एक अनोखा भक्त है. जिसकी आराधना करने का तरीका भी बिल्कुल अलग है. पेशे से मूर्तिकार और चित्रकार विजय पिछले 30 वर्षों से प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की पेंटिंग बंद आंखों से मात्र 1 मिनट में बना देते हैं. इस गणेश चतुर्थी को भी उन्होंने भगवान गणेश पेंटिंग बंद आंखों से बनाया. बप्पा से यह प्रार्थना भी किया कि पूरे विश्व में शांति हो और काशी में मां गंगा का रौद्र रूप शांत हो इस कामना से आज उन्होंने बंद आंखों से बप्पा की पेंटिंग बनाई और काशी में हर हर महादेव के साथ गणपति बप्पा मोरया के नारे लगाये गये.
काशी में बप्पा का अनोखा भक्त, बंद आंखों से बड़ी खूबसूरती और आस्था के साथ बनाते हैं पेंटिंग
भारत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह गणेश उत्सव मनाया जाता है. महाराष्ट्र से लेकर धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में भी गणपति बप्पा की विभिन्न मूर्ति बैठाई जा रही है. बप्पा से यह प्रार्थना भी किया कि पूरे विश्व में शांति हो और काशी में मां गंगा का रौद्र रूप शांत हो इस कामना से आज उन्होंने बंद आंखों से बप्पा की पेंटिंग बनाई.
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बंद आंखों से 1 मिनट में बनाते हैं पेंटिंग
विजय मूर्तिकार ने बताया गणेश उत्सव तो उत्साह है. पूरे भारत वासियों को एकजुट करने का संकल्प है. पूरे भारतवर्ष के साथ देश नहीं बल्कि विदेशों में भी गणेश उत्सव का उल्लास देखने को मिल रहा है. गणपति के भक्ति में लीन रहता हूं. यही के आराधना से मैं बंद आंखों से भगवान को बनाता हूं और वह साक्षात प्रकट हो जाते हैं. अपने कैनवास पर मात्र 1 मिनट में मैं गणपति बप्पा के स्वरूप को उकेर देता हूं.