वाराणसी:भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) स्थित वास्तुकला, योजना एवं अभिकल्प विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) द्वारा आयोजित 'री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर' पर दो दिवसीय थीसिस प्रतियोगिता के सीजन-2 का फाइनल आयोजित किया गया. उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने छात्रों द्वारा प्रस्तुतियों के बाद स्नातक और परास्नातक श्रेणी में क्रमशः तीन विजेताओं को सम्मानित किया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शहरी जल निकायों की फिर से कल्पना करने के महत्व पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने थीसिस प्रतियोगिता के तीसरे सत्र को 'शहरी जल निकायों की पुर्न कल्पना' पर होने का आह्वान किया. मुख्य सचिव ने आजीविका, मनोरंजन और पर्यटन के लिए संभावित शहरी जल निकायों को फिर से दोहराया.
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इस दो दिवसीय थीसिस प्रतियोगिता में स्नातक और परास्नातक श्रेणियों में 20 छात्रों ने अपनी थीसिस को प्रस्तुत किया. इन विषयों में शहरी नियोजन में नदी की सोच को एकीकृत करने से लेकर नदी प्रबंधन के लिए आदिवासियों को शामिल करना शामिल रहा. इसके अलावा नदी-केंद्रित पारगमन-उन्मुख विकास को विकसित करने, नदी के पानी की गुणवत्ता का पूर्वानुमान लगाने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग भी शामिल रहा. निर्णायक समिति के एक पैनल द्वारा मूल्यांकन किए गए छात्रों की प्रस्तुति में पूर्व महानिदेशक एनएमसीजी राजीव रंजन मिश्रा, बायोम पर्यावरण समाधान के निदेशक एस विश्वनाथ, वास्तुकला और योजना विभाग, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर गौरव रहेजा और मानवतावादी अध्ययन विभाग, आईआईटी बीएचयू, वाराणसी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमृता द्विवेदी शामिल रहीं.