वाराणसी: जिले की पहचान अद्भुत, अलौकिक और आधुनिक है.भव्य काशी, दिव्य काशी.इसके साथ-साथ पिछले कई सालों से यह भी कहा जा रहा था कि, वाराणसी में चोर बहुत हैं. ऐसे-वैसे चोर नहीं बल्कि बिजली के चोर. बदलती काशी के साथ इस शहर पर लगा यह तमगा भी अब बदल रहा है यानी बनारस बदल रहा है.
कभी बिजली चोरी में नंबर एक पर रहने वाला यह शहर अब बिजली बिल के भुगतान में आगे है. दरअसल, वाराणसी में विद्युत वितरण की व्यवस्था पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम देखता है. निगम का आरोप है कि यहां के रहने वाले अधिकतर विद्युत उपभोक्ता बिजली का बिल नहीं जमा करते हैं या फिर कटिया लगाकर बिजली चोरी करते हैं.
बिजली बिल भुगतान में बनारस ने छुआ जादुई आंकड़ा, जानिए कैसे बदली तस्वीर
कभी बिजली चोरी में नंबर एक पर रहने वाला वाराणसी शहर अब बिजली बिल के भुगतान में आगे है. आखिर यह तस्वीर कैसे बदली चलिए जानते हैं.
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आम तौर पर देखा जाता है कि सामान्य मीटर होने के कारण बिल बकाया होने पर भी कनेक्शन चलता रहता है जब तक कि विभाग कार्रवाई न करे. ऐसे में प्रीपेड मीटर के आने से सहूलियत हुई है. मुख्य अधिशासी अभियंता अनूप वर्मा का कहना है कि प्रीपेड मीटर से बिल जमा कराने की दिक्कत खत्म हो गई है जिसने भुगतान किया उसका कनेक्शन चल रहा है, जिसने नहीं किया उनके कनेक्शन कट रहे है.
बिजली के बिल जमा कराने के मामले में वाराणसी दूसरे नंबर पर है. यहां पर लगभग बिल के भुगतान पूरे हो रहे हैं. अनूप वर्मा का कहना है कि, वाराणसी में 95 फीसदी बिजली के बिल जमा करा लिए जा रहे हैं.
पौने दो लाख लगे हैं प्रीपेड मीटर कनेक्शन:पूर्वांचल में गोरखपुर बिल जमा करने के मामले में पहले नंबर है तो वहीं वाराणसी दूसरे नंबर पर है. हमारे यहां पौने लाख प्रीपेड मीटर कनेक्शन हैं, जो ऑनलाइन रिचार्ज होते हैं. मुख्य अधिशासी अभियंता ने कहा कि, चेयरमैन रोजाना समीक्षा करते हैं. बिल हम समय पर लेंगे यह हमारी प्रतिबद्धता है.
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