वाराणसी: अपर मुख्य सचिव MSME और सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के उन्नयन, संवधर्न के लिए कटिबद्ध है. उद्यमियों के साथ उद्योग हित के लिए सरकार नई-नई योजनाएं लागू कर उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने की दिशा में कार्य कर रही है. उन्होंने उद्योग को विकसित करने के साथ ही उद्यमियों की समस्या पर भी चिंतन किया.
इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन (Indian Industry Association) के तत्वावधान में रविवार को पूर्वांचल में MSME को बढ़ावा (promotion of MSME in purvanchal) देने के लिए इज ऑफ डूइंग बिजनेस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए यूपी की एक ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने में एमएसएमई की अहम भूमिका बताई है. वहीं, कार्यक्रम में सभी उद्यमियों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से रखा और उद्योगहित में सुझाव भी दिए. इनमें लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड, किरायेदारी, भूखंडों का एकीकरण, औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं, यूपीसीडा के अधिकार, औैद्योगिक नीति, निर्यात, पर्यटन, औद्योगिक विद्युत कनेक्शनों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट करने से लेकर कई प्रमुख समस्याओं को रखा. मुख्य सचिव ने सभी उद्यमियों की बातों को गंभीरता से सुना और सरकार तक पहुंचाने के लिए आश्वस्त किया.
एक ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने में MSME की अहम भूमिका: नवनीत सहगल
वाराणसी में अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल (up additional chief secretary navneet sehgal) ने पूर्वांचल में एमएसएमई को बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि एक ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करना है.
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इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने उद्यमियों की समस्याओं को प्रमुखता से सुना. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई के उन्नयन और संवर्धन के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी का परिणाम है कि प्रदेश इज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में 23वें पायदान से दूसरे नंबर पर आ गया है. प्रस्तावित MSME नीति 2020 (proposed MSME policy 2020) के ड्राफ्ट में आईआईए के पूर्व में दिए गए तमाम सुझावों को समाहित किया गया है. इससे उद्यमियों में हर्ष है, लेकिन लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड कर दिया जाए तो कई और नये उद्योग लग सकते है. यूपीएसआईडीसी, डीआई, यूपीएसआईसी और अन्य प्राधिकरण इम्पावरमेंट ट्रस्ट की भूमि को फ्री होल्ड करने से उद्योगों को डिवीजन, उत्तराधिकार, विधा परिवर्तन, किराएदारी, भूखंडों का एकीकरण आदि में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलेगी. उद्यमियों की मांग है कि मूल आवंटन मूल्य का 15 प्रतिशत से लेकर बिना भू उपयोग परिवर्तन की शर्त के साथ भूमि को फ्री होल्ड किया जाए.
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