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केवाईसी अपडेट कराने के बहाने लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में 2 गिरफ्तार

बैंक खाता में KYC अपडेट कराने के बहाने एस.बी.आई. योनोएप के माध्यम से पेंशन खाताधारक के खाते से 1.19 लाख रुपये निकालने वाला भारतीय स्टेट बैंक के संविदा कर्मचारी को उसके साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. मेवालाल जब अपने अकाउंट से रुपये निकालने आए तो उन्होंने देखा कि उनके खाते से 1.19 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं.

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लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में 2 गिरफ्तार

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Published : Mar 9, 2022, 10:31 PM IST

वाराणसी: बैंक खाता में KYC अपडेट कराने के बहाने एस.बी.आई. योनोएप के माध्यम से पेंशन खाताधारक के खाते से 1.19 लाख रुपये निकालने वाला भारतीय स्टेट बैंक के संविदा कर्मचारी को उसके साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. उन दोनों की शिनाख्त सुनील और रोहित कुमार के रुप में हुई है. उन दोनों को दुर्गा मंदिर रामनगर, वाराणसी के पास से गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने धोखाधड़ी की 22,000 रुपये और घटना में इस्तेमाल की गयी मोबाइल बरामद किया है. यह धोखाधड़ी मेवालाल के साथ हुई है. मेवालाल चन्दौली के अलीनगर इलाके में रहता है. मेवालाल जब अपने अकाउंट से रुपये निकालने आए, तो उन्होंने देखा कि उनके खाते से 1.19 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं. पीड़ित ने इस बात की सूचना तुरंत साइबर क्राइम के पुलिस थाना वाराणसी को दी. उसने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक के रामनगर, वाराणसी के पेंशन खाता से 15 सितम्बर 2021 से 5 अक्टूबर 2021 के बीच में लगातार एटीएम के माध्यम 1.19 लाख रुपये निकाल लिए गए.

इस मामले को लेकर प्रार्थना पत्र की जांच उपनिरीक्षक चन्द्रदीप कुमार को सौंपा गया. घटना में भारतीय स्टेट बैंक के संविदा कर्मचारी का ही हाथ है, जिस पर चन्द्रदीप कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर 8 मार्च 2022 को साइबर क्राइम थाना पर आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी.

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अपराध का तरीका

पुलिस ने बताया कि सुनील ने पूछताछ में बताया कि वह एम.कॉम की पढ़ाई की है. वह भारतीय स्टेट बैंक शाखा- रामनगर, वाराणसी में बतौर डाटा इन्ट्री आपरेटर के रुप में काम करता है. वह के.वाई .सी. संबन्धित इन्ट्री करने का काम करता था. मेवालाल का पेंशन खाता काफी दिनों से संचालित नहीं हो रहा था.

उसने मेवालाल के खाते से पैसे निकालने के लिए एक प्लान बनाया. उसने एक व्यक्ति की तलाश की जिसका नाम खाताधारक से मिलता था. उसकी मुलाकात उसके पड़ोसी रोहित कुमार से हुई. रोहित के पिता का नाम भी मेवालाल था. उसने रोहित को सारी बातें बतायी. रोहित कुमार ने हिस्सेदारी लेने के नाम पर अपना मोबाइल नंबर और अपने पिता का आधार कार्ड दे दिया.

उसने केवाईसी अपडेट करते समय रोहित कुमार का मोबाइल नंबर और उसके पिता मेवालाल का आधार कार्ड लगाकर उस खाते को अपडेट कर दिया. रोहित से वो नंबर प्राप्त कर अपने मोबाइल पर योनो एप इंस्टाल कर यूजर पासवर्ड बनाया और वाराणसी के विभिन्न ए.टी.एम. से योनो एप के माध्यम से 1,19,000 रुपये निकाल लिया. चूकिं वादी के खाता में नंबर रोहित का था. इसलिए वादी को कोई मैसेज नहीं गया. वे लोग निकाले रुपये को आपस में बांट लेते थे. जब वादी एक दिन शाखा पर पैसा निकालने आया है, तो उसने बैंक में इस बात की शिकायत की कि उसके खाते से पैसा बिना उसके जानकारी के निकल लिए गये हैं.

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