वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) इन दिनों काफी सख्त रुख में दिखाई दे रहे हैं. उनकी तरफ से लगातार भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही करने वाले अफसरों पर गाज गिर रही है. वाराणसी में भी सीएम के आदेश के बाद प्रभारी जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के मजदूरी के भुगतान में अनियमितता की जांच करवाते हुए दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने बताया कि पीएम आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करवाई गई. परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण से मामले की जांच कराई गई है. जांच में आवास के लाभार्थियों को आवास निर्माण में 90 दिवस की मजदूरी के भुगतान में गंभीर अनियमितता एवं लापरवाही बरते जाने का दोषी पाया गया.
इसके बाद ग्राम पंचायत करखियाव के ग्राम रोजगार सेवक अजय कुमार तथा पर्यवेक्षण में घोर शिथिलता बरते जाने पर ग्राम पंचायत सचिव राजेश को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को निर्देशित किया गया है. संतोषजनक जवाब न मिलने की स्थिति में इन लोगों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पीएम आवास योजना, सुविधा शुल्क नहीं मिला तो रोक दी गई है. मजदूरी विषयक समाचार को संज्ञान लेते हुए प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने पूरे प्रकरण को संज्ञान लेते हुए इसकी जांच कराई थी. जांच के दौरान लाभार्थियों की मौजूदगी में पूछताछ एवं उनके आवास तथा अन्य अभिलेखों की जॉच में प्रकाश में आया कि ग्राम करखियॉव में वर्ष 2020-21 में कुल 21 आवास तथा वर्ष 2021-22 में कुल 15 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं.