उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

Narak Chaturdashi 2022, नरक चतुर्दशी कब और क्यों मनाई जाती? जानें भगवान वामन से जुड़ा रहस्य

23 अक्टूबर 2022 को नरक चतुर्दशी संग छोटी दीपावली और हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन यह उपाय करने से आपको हर संकट से निजात मिलेगी. ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि क्या उपाय करें और कैसे करें इस दिन पूजन.

Narak Chaturdashi 2022
Narak Chaturdashi 2022

By

Published : Oct 15, 2022, 12:56 PM IST

Updated : Oct 15, 2022, 1:33 PM IST

वाराणसी:'कार्तिक' को त्यौहारों का महीना कहा जाता है. इस महीने में लगातार एक के बाद एक पर्व पड़ते हैं. दीपावली को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. 22 अक्टूबर से इस पांच दिन के त्यौहार की शुरुआत हो रही है. धनतेरस के बाद 23 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने नरक चतुर्दशी पर कैसे करें पूजा और क्या उपाय करें.

नरक चतुर्दशी कब मनाते हैं:पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. नरक चतुर्दशी दीपावली के एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद पड़ती है. इसे छोटी दीपावली, रूप चौदस, नरक चौदस, रूप चतुर्दशी और नरका पूजा के नामों से भी जाना जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है. रूप चौदस के दिन शाम के समय दीपक जलाए जाते हैं और चारों ओर रोशनी की जाती है. नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है.

ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री

नरक चतुर्दशी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त:कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 6 बजे से हो रही है. वहीं, चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर शाम 5 बजे होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार नरक चुतर्दशी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

क्या है पूजा की विधि:नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें. इस दिन यमराज, भगवान श्रीकृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु भगवान के वामन रूप की विशेष पूजा की जाती है. इसके लिए घर के ईशान कोण में इन सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित करके विधिपूर्वक पूजन करें. देवताओं की मूर्ति के सामने धूप, दीप जलाएं और कुमकुम का तिलक लगाएं. इसके बाद मंत्रों का जाप करें. आइए जानते हैं इस दिन क्यों करते हैं भगवान के वामन रूप की पूजा. देखिए ये खास रिपोर्ट...

23 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी

पढ़ें-27 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण का संयोग, जानें आप पर क्या होगा असर

नरक चतुर्दशी का महत्व:भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक महीने में कृष्ण चतुर्दशी के दिन नरकासुर राक्षस का वध करके देवताओं और ऋषियों को उसके आतंक से मुक्ति दिलवाई थी. इसके साथ ही भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं को नरकासुर के बंदीगृह से मुक्त करवाया था. इसी उपलक्ष्य में नगरवासियों ने नगर को दीपों से प्रकाशित किया और उत्सव मनाया. तभी से नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाने लगा है. भगवान कृष्ण और देवी काली ने नरकासुर का वध करके उसके बुरे कर्मों का अंत किया. यह त्यौहार उनकी जीत की याद दिलाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने राक्षस को मारने के बाद ब्रह्म मुहूर्त में तेल से स्नान किया था. इसलिए, सूर्योदय से पहले पूरे विधि विधान से तेल स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

हनुमान जयंती का पर्व:त्रेता युग में 'कार्तिक चतुर्दशी मंगलवार' के दिन स्वाती नक्षत्र और मेष लग्न में श्री हनुमान जी का जन्म उत्सव मनाया जाता है. इसका शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को शाम 5 बजे से लेकर शाम 6:40 तक है. हनुमान जयंती के दिन दोपहर में 2:38 बजे के बाद रवि हस्त सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग है. हनुमान जी का पूजन करने से सभी बाधाएं शांत हो जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता अंजना के गर्भ से शिव के स्वरूप में हनुमान जी का जन्म हुआ था. जो कि शास्त्रों में वर्णित है.

पढ़ें-Dhanteras 2022 : धनतेरस पर होगी कुबेर और लक्ष्मी की कृपा, जानिए उपाय

Last Updated : Oct 15, 2022, 1:33 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details