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कैसे खेलेगा इंडिया जब संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम में नहीं है मूलभूत सुविधाएं

वाराणसी के संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आई खिलाड़ी अदिति सिंह ने कहा कि हमें यहां खेलने में बहुत दिक्कत होती है. अच्छे स्टेडियम में टर्फ पर खेला जाता है. हमें घास पर खेलना पड़ रहा है.

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Published : Sep 3, 2022, 6:37 PM IST

वाराणसी:कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन सभी ने देखा. उनके बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत भारत सर्वश्रेष्ठ 4 की संख्या में स्थान बनाने में कामयाब रहा. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन खिलाड़ियों की खूब सराहना की. बेहतरीन अभ्यास से ऐसा हो सका, लेकिन क्या हो जब खिलाड़ी ठीक से अभ्यास ही न कर पाएं तो? ऐसा ही हो रहा है वाराणसी के स्टेडियम में. यहां हॉकी खिलाड़ी बिना किसी सुविधा के खेल रहे हैं.

एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाते रहते हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनके संसदीय क्षेत्र में खिलाड़ियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि, वाराणसी से ही निकले कई हॉकी खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम किया है. इनमें मोहम्मद शाहिद, ललित उपाध्याय जैसे खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं.

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गोल पोस्ट नहीं है, मैदान में घास भरी रहती है
संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आई खिलाड़ी अदिति सिंह ने कहा कि हमें यहां खेलने में बहुत दिक्कत होती है. अच्छे स्टेडियम में टर्फ पर खेला जाता है. हमें घास पर खेलना पड़ रहा है. इसके साथ ही मैदान में ढेर सारे गड्ढे हो गए हैं, जिससे और भी अधिक परेशानी आती है.

छात्रा अदिति सिंह ने कहा कि हमें सरकार की तरफ से अभी गोल पोस्ट की सुविधा नहीं मिली है. हम मांग करते हैं कि कम से कम मैदान में घास की सफाई कर दी जाए और इन गड्ढों को भर दी जाए, जिससे हमें प्रैक्टिस करने में परेशानी का सामना न करना पड़े.

सिगरा स्टेडियम में कोच (हॉकी) अंकित गुप्ता ने बताया कि यहां पर बहुत से बच्चे हॉकी की ट्रेनिंग लेने आते हैं. यहां से कई अच्छे खिलाड़ी ट्रेनिंग लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने गए हैं. आज यहां की हालत ये है कि मैदान में घास भरी हुई है. उन्होंने बताया कि बच्चों को खेलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर गोल पोस्ट भी नहीं है. हॉकी के लिए एक लेवल ग्राउंड होता है. विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत की है. वहां से आश्वासन मिला है, लेकिन अभी तक काम नहीं हो सका है.

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