वाराणसी : सरकार गर्भवती महिलाओं (pregnant women) के स्वास्थ्य पर खासा ध्यान दे रही है. इसके लिए बकायदा राष्ट्रीय पोषण माह का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग इस पोषण माह में गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की बीमारी के प्रति जागरूक कर रहा है. क्योंकि गर्भधारण या शिशु के जन्म के पश्चात एनीमिया बेहद सहजता से उत्पन्न हो जाती है, जो अनदेखा करने पर बेहद घातक साबित हो सकती है. इसको लेकर लोगों को न सिर्फ इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है, बल्कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गांव-गांव जाकर दीवारों पर स्लोगन भी लिखा जा रहा है, साथ ही एनीमिया से बचने के घरेलू उपाय भी बताये जा रहे हैं.
दरअसल, राष्ट्रीय पोषण माह के तहत वाराणसी में इस सप्ताह किशोरी, गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य व पोषण देखभाल के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसे में खून की कमी यानी एनीमिया दूर करने के लिए आयरन व प्रोटीन युक्त आहार के विषय मे जागरूक किया जा रहा है. साथ-साथ घरेलू उपायों नियमित पालन की सलाह भी दी जा रही है.
दूर होगी खून की कमी :जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह का कहना है कि शरीर में खून की कमी हो जाना एक आम समस्या है. जिसे यदि नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. कई बार कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए महिलाएं गुड़ और चना भुना या अंकुरित खाना पसंद करती हैं. खास बात यह है कि उनकी ये पसंद कब्ज़ के अलावा एनीमिया रोग को दूर करने में काफी मददगार साबित होती है. उन्होंने कहा कि संतुलित व स्वस्थ आहार के साथ “एक मुट्ठी गुड़ और चना” के जरिए भी इस बीमारी को दूर किया जा सकता है. आगे वो बताते हैं कि गांव-गांव महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा कार्यकर्ता उनके घर जा रही हैं, वह दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन भी लिख रही हैं.