वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई मंगलवार को लगातार दूसरे दिन वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में हुई. कोर्ट में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष की बहस आज पूरी नहीं हो सकी. इस मामले की सुनवाई को लिए कोर्ट ने कल सुबह 11:30 बजे का समय निर्धारित किया है. मुस्लिम पक्ष को कल कोर्ट में सिर्फ आधे घंटे में अपनी बहस पूरी करनी होगी. कल मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद वादी पक्ष यानी हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें और काउंटर रखा जाएगा. जिसके बाद कोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकता है. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई का कल कोर्ट में महत्वपूर्ण दिन होगा. वादी और प्रतिवादी पक्ष को कोर्ट ने कल तक का समय दिया है.
बता दें कि सोमवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से वादिनी महिलाओं की दलीलों पर जवाबी बहस की गई थी. एडवोकेट शमीम अहमद ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है. इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मसले की सुनवाई का अधिकार सिविल कोर्ट को नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड को है. मसाजिद कमेटी ने आज कोर्ट में अपनी जवाबी बहस की. वादी महिलाओं के एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि मसाजिद कमेटी ने पहली बार स्वीकार किया कि मंदिर औरंगजेब द्वारा अधिग्रहीत किया गया था. उनका मानना है कि औरंगजेब भारत का शासक था. हम ज्ञानवापी मामले में वक्फ संपत्ति की धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने जा रहे हैं. मुस्लिमों का कहना है कि यह संपत्ति वक्फ नंबर 100 के रूप में रजिस्टर्ड है. वहीं, 18 अगस्त को श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई में कोर्ट में मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया था कि उनके अधिवक्ता अभय नाथ यादव के निधन के बाद उनकी जगह अब मुकदमे की पैरवी एडवोकेट योगेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ मधु बाबू और शमीम अहमद करेंगे. दोनों एडवोकेट को मुकदमे को समझने और तैयारी के लिए 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाए.