वाराणसी: वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई सोमवार को एक वकील के निधन की वजह से नहीं हो सकी. इस मामले में पहले कोर्ट ने 27 जुलाई की डेट मुकर्रर की थी, लेकिन दोनों पक्ष के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अन्य मामले में तिथि होने की बात कहकर डेट आगे बढ़ाने की अपील की थी. जिस पर कोर्ट ने 4 अगस्त की अगली डेट सुनवाई के लिए निर्धारित की है
दरअसल, ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले की सुनवाई सीनियर सिविल डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत से ट्रांसफर होकर जिला जज न्यायालय में करवाई जा रही है. अभी मामला सुनवाई योग्य है या नहीं इसे लेकर कोर्ट में बहस चल रही है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से अपनी बातें रखते हुए हिंदू पक्ष यानी वादी की तरफ से दाखिल 51 बिंदुओं पर बहस पूरी की जा चुकी थी. जिसके बाद पहले वादी संख्या 2 से 5 मंजू व्यास रेखा पाठक सीता साहू और लक्ष्मी देवी के वकीलों ने अपनी बातें कोर्ट के सामने रखी थी.जिसमें हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने ज्ञानवापी परिसर को देवता की संपत्ति बताते हुए श्री काशी विश्वनाथ एक्ट एक्ट पर तमाम दलीलें पेश की थी और मामले को सुनवाई योग्य बताते हुए ज्ञानवापी परिसर पर हिंदुओं का मालिकाना होने की बात कही गई थी. इसके बाद वादी संख्या एक राखी सिंह के वकीलों की तरफ से पूरे मामले को सुनवाई योग्य बताते हुए यह दलील दी गई है कि प्रकरण श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन को लेकर है न कि ज्ञानवापी परिसर में क्या है. यह दोनों अलग मामले हैं. इसलिए यह मामला सुनवाई योग्य है, इसे स्वीकृत किया जाए और आगे की कार्रवाई शुरू हो.