वाराणसी: काशी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास (International level development in Kashi) किया जा रहा है. यहां प्रत्येक साल में पर्यटक की संख्या में वृद्धि होती है. हजारों सैलानी गंगा में नौका विहार का लुत्फ भी उठाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में गंगा नदी में चलने वाली डीजल बोट को सीएनजी में तब्दील किया जा रहा है.
प्रदेश सरकार की परियोजना से गंगा में बोटिंग करने वाले पर्यटकों को तेज आवाज और जहरीले धुंए का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही घाट भी प्रदूषण मुक्त होंगे. इसके लिए नमो घाट पर दुनिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन (Floating CNG station at Namo Ghat Varanasi) भी बनाया गया है, जो बाढ़ के दौरान भी तैरता हुआ काम करता है.
जानकारी देते मुख्य महाप्रबंधक डॉक्टर डी वासुदेवन वाराणसी में डीजल और पेट्रोल से चलने वाली 80 प्रतिशत बोट को अब तक सीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है, जिसकी लागत करीब 29.7 करोड़ रुपये आई है. वहीं, 20 प्रतिशत बची हुई बोटों को दीपावली के पहले सीएनजी में (Converting Diesel Vote to CNG in Varanasi) बदल दिया जाएगा. वाराणसी स्मार्ट सिटी (Varanasi Smart City) के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि सीएनजी से चलने वाली बोट इको फ्रेंडली और करीब 50 प्रतिशत किफायती होती है. डीजल और पेट्रोल इंजन वाली छोटी बड़ी नाव पर करीब 2 से ढाई लाख की लागत आती है. गेल इंडिया कॉर्पोरेट (GAIL India Corporate) सोशल रेस्पोंसिबिलिटी प्रोजेक्ट के तहत इस कार्य को किया जा रहा है.
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मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि वाराणसी में डीजल से चलने वाली करीब 657 बोट हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 7 जुलाई को काशी के दौरे में गंगा नदी में 500 सीएनजी नावों का शुभारंभ किया था. बोट में सीएनजी भरवाने के लिए नमो (खिड़किया) घाट पर पानी में तैरते हुए जेटी पर दुनिया का पहला सीएनजी फिलिंग स्टेशन (CNG Filling Station in Varanasi) बनाया गया है. इसकी खासियत यह है कि बाढ़ और तेज बहाव में भी नहीं बहेगा, बल्कि पानी के साथ अपने को एडजेस्ट कर लेता है.
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