वाराणसी: जिले में विगत 15 दिनों के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में हुए बढ़ोतरी को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. अब कोरोना लक्षणों की जांच एवं इलाज के लिए लोगों को ओपीडी एवं अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उनके मोहल्ले में ही डॉक्टर जाकर उनकी जांच कर इलाज सुनिश्चित करेंगे.
मोबाइल वार्ड क्लीनिक को दिखाई हरी झंडी
वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को शुरू की गई इस नए व्यवस्था के 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कमिश्नरी स्थित कार्यालय परिसर से संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक के माध्यम से एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत प्रत्येक थाना क्षेत्र में एक-एक मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन आगामी एक माह तक चक्कर लगाएंगी. इस दौरान मोहल्ले में लाउड हेलर, आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को एकत्र कर उनकी मौके पर ही स्क्रीनिंग एवं जांच कराई जाएगी. कोरोना के लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति का मौके पर ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इस सुविधा के शुरु होने से अब लोगों को ओपीडी, ईएसआई एवं अन्य अस्पतालों में आने की जरूरत नहीं होगी.
बढ़ते मरीजों को देखते हुए की गई व्यवस्था
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि विगत 15 दिनों में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है, ताकि कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस मोबाइल वार्ड क्लीनिक द्वारा जिन लोगों को शुगर एवं ब्लड प्रेशर आदि की बीमारी पूर्व से है, उनका भी इलाज किया जाएगा, ताकि वे भविष्य में कोरोना वायरस से संक्रमित न होने पाए. उन्होंने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं एवं मेडिकल जांच उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.