वाराणसी: उत्तर प्रदेश में चुनावों से पहले कांग्रेस अपनी जमीन तलाश कर उसे मजबूत करने की बहुत ही कोशिशें कर रही हैं. लड़की हूं लड़ सकती हूं के बाद शौर्य के नाम पर वोट, सेना के हितों को चोट नाम से एक किताब को शुक्रवार को कांग्रेस में देशभर में लॉन्च किया. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नेताओं की तरफ से इस किताब को लॉन्च करने की कवायद की गई है.
वाराणसी में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कार्यक्रम के सिलसिले में पहुंची थी. एक किताब की लॉन्चिंग के बाद उन्होंने सेना के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को वोट मांगने का आरोप लगाते हुए जवानों के हितों की रक्षा के लिए कोई काम ना करने का आरोप लगाया है. वहीं, सुप्रिया ने कांग्रेस के लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे के साथ महिलाओं को टिकट दिए जाने के प्लान को बहुत बड़ा बताया, लेकिन जब उनसे बदायूं जिले की शेखूपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी फरहा नईम की तरफ से टिकट वापस किए जाने की बात पूछी गई तो उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए किसी एक मामले को तूल न दिए जाने की बात कही.
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत दरअसल, कांग्रेस की तरफ से महिलाओं को टिकट दिए जाने के बाद बदायूं जिले की शेखुपुर सीट से कांग्रेस ने फरहा नईम को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस को बड़ा झटका तब लगा जब उस उम्मीदवार ने टिकट वापसी की घोषणा करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया आर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दी. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए जिला अध्यक्ष पर ही कई गंभीर आरोप लगायी थी. उन्होंने जिला अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जिला अध्यक्ष मेरे चरित्र पर उंगली उठाते हैं, जो कहीं से सही नहीं है.
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इन सवालों का जवाब जब सुप्रिया से मांगा गया तो उनका कहना था कि लड़की हूं लड़ सकती हूं, सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि बदलाव की बयार है. किसी एक मामले को आगे करके आप अन्य मामलों को इससे नहीं जोड़ सकते हैं. यह प्रकरण गंभीर है यदि आरोप हैं तो उस बारे में कांग्रेस अपने स्तर पर पड़ताल करेगी, लेकिन किसी एक महिला प्रत्याशी का टिकट वापस करने से यह गलत कहना होगा कि महिला कांग्रेस से नाराज हैं.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने जब 40% टिकट महिलाओं को दिए जाने की घोषणा की तो इसे राजनैतिक बदलाव देखने को मिला और भी पार्टियां इस पर विचार करने लगी हैं, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि हर महिला दावेदार को टिकट देना संभव नहीं है. राजनैतिक और अन्य चीजें इसमें मायने रखती हैं.
वहीं, सुप्रिया श्रीनेत ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी सेना और सैनिकों के नाम पर वोट मांगती है और जब सुविधाएं देने की बात आती है तब जवानों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. वन रैंक वन पेंशन योजना के साथ बहुत बड़ा छल किया गया है. कांग्रेस ने इस स्कीम को लॉन्च करके सेना से रिटायर जवानों को बहुत राहत देने की कोशिश की लेकिन इसमें अड़ंगा लगाकर बीजेपी ने अपनी मानसिकता का परिचय दिया है.
सुप्रिया का कहना था कि एनएसयूआई के रेल रोको आंदोलन को कांग्रेस पूरी तरह से समर्थन दे रही है. रेलवे में 3 साल से भर्तियों को पूरा नहीं किया गया है. सरकार केवल दिखावा करके आवेदन करवाती है और भर्ती प्रक्रिया को पूरा ही नहीं होने दिया जाता है. रेलवे में नौकरियों को समाप्त किया जा रहा है. इसको प्राइवेट हाथों में सौंपा जा रहा है और भाजपा भी डबल इंजन सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है. इसलिए कांग्रेस उनका विरोध कर रही है. सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस शासनकाल में सेना के लिए किए गए तमाम प्रयासों का जिक्र करते हुए बीजेपी की तरफ से सिर्फ सेना को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किए जाने का आरोप भी लगाया.
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