वाराणसी: बनारस धार्मिक सांस्कृतिक और राजनैतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो गया है. बनारस में 2014 के बाद प्रधानमंत्री के रूप में यहां के सांसद नरेंद्र मोदी के चुने जाने के बाद वाराणसी का राजनीतिक महत्व (Political Significance of Varanasi) और बढ़ गया है. बनारस की चुनावी रणनीति (Banaras election strategy) को लेकर हर राजनीतिक दल पैनी नजर बनाकर रखते हैं. भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को बनारस में मिलने वाली सबसे बड़ी जीत की रणनीति को देश के अन्य राज्यों के चुनाव में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है. कुछ ऐसा ही प्लान जल्द होने वाले गुजरात चुनाव को लेकर भी तैयार किया गया है.
बनारस में 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को बड़ी जीत दिलवाने वाले चेहरों को काशी क्षेत्र बीजेपी से एक स्पेशल टीम गुजरात भेजी गई है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी गुजरात के चुनाव में बीजेपी की रणनीति को लेकर प्लान तैयार कर रहे हैं. इसके लिए आरएसएस की भी एक विशेष टीम बनारस से गुजरात के चुनाव पर पैनी नजर बनाए हुई है. संघ के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी गुजरात के कई जिलों का सर्वे करके लौटे हैं. जिसके बाद अब बनारस की स्पेशल 90 यानी 45 संघ और 45 बीजेपी के कार्यकर्ताओं की टीम जल्द ही गुजरात में डेरा डालने वाली है.
जानकारी देते संघ कार्यकर्ता विकास चतुर्वेदी भारतीय जनता पार्टी के लिए वाराणसी हमेशा से ही नाक का सवाल है, क्योंकि बनारस को बीजेपी का गढ़ कहा जाता था. लोकसभा चुनावों में 2014 अप्रैल 2019 में बंपर जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्व में एक अलग मुकाम हासिल किया है. पीएम मोदी को जिताने के लिए बनारस की टीम का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है, क्योंकि बनारस की आबादी, यहां के लोगों का मिजाज और राजनैतिक दृष्टि से आसपास के राज्यों की पकड़ कितनी है, क्या राजनैतिक समीकरण है. इन सभी को लेकर जबरदस्त प्लान काम किया था और पीएम मोदी की जीत में काशी क्षेत्र की बीजेपी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यही वजह है कि अब बनारस से टीम के कई बड़े सदस्यों के साथ बीजेपी आईटी सेल के कार्यकर्ताओं की टीम को गुजरात में चुनावी तैयारियों में लगाया जा रहा है. बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि वाराणसी और काशी क्षेत्र से कई लोगों को जिम्मेदारियां बीजेपी की तरफ से गुजरात चुनाव को लेकर दी जा रही है. इनमें बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश पाल और बीजेपी के प्रदेश मंत्री शंकर गिरी बीते लगभग 20 दिनों से गुजरात में ही डेरा डाले हुए हैं.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के लोगों ने बताया कि एक महीना पहले से ही स्वयंसेवकों को वहां पर लगाया जा रहा है. वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से स्वयंसेवकों की 45 सदस्यों की टीम तैयार की गई है. इनमें से लगभग 15 सदस्य अभी बनारस से गुजरात के दौरे पर गए थे और 10 दिनों तक वहां पर रुक कर के विधानसभा सीट का सर्वे करके लौटे हैं. जिसकी रिपोर्ट भी संघ को भेजी जा चुकी है. जिसके बाद अब वाराणसी से संघ के भी 45 सदस्यों की टीम को परमानेंट चुनाव तक वहीं पर रुकने के निर्देश दिए गए हैं.
बनारस से टीम संघ की उसी रणनीति पर वहां काम करने की प्लानिंग कर रही है, जिस रणनीति पर बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव के दौरान रणनीति तैयार की गई थी. भारतीय जनता पार्टी अपने पन्ना प्रमुख से लेकर बड़े पदाधिकारियों और छोटे कार्यकर्ताओं सभी को एक साथ एक्टिव करते हुए गुजरात की चुनावी तैयारी को मुकम्मल तौर पर पूरा करने की कोशिश में जुटी हुई है.
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