वाराणसी: देश में एक बार फिर कोविड-19 की चौथी लहर की आहट सुनाई दे रही है. देश में भी कोविड-19 का केस भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जूलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से राहत भरी खबर आ रही है. सीरो सर्वे किया जा रहा है. वाराणसी जिले के करीब 120 लोगों का सैंपल लिया गया है. इनमें 30 फीसदी लोगों में बनी एंटीबॉडी खत्म हो चुकी है. वहीं, 46 फीसदी ऐसे लोग भी हैं जिनमें एंटीबॉडी जल्द ही खत्म हो जाएगी. पूर्ण रूप से केवल 17 फीसदी लोगों में ही एंटीबॉडी बची है.
क्या है सीरो सर्वे :सीरो सर्वे का अर्थ होता सर्वे सीरोलॉजी टेस्ट. इसके द्वारा शरीर में बने किसी खास एंटीबायोटिक की जांच होती है. इससे यह पता चलता है कि उस वायरस के प्रति आपकी बॉडी में कितनी प्रतिरोधक क्षमता है. एंटीबॉडी आपके ब्लड में लगभग 3 महीने तक रहता है. इससे उसकी स्थिति का पता चलता है. जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना की पहली लहर लेकर से अब तक 5000 सैंपल का सीरों सर्वे हो चुका है. चौथी लहर की आहट की बीच वाराणसी में विभिन्न उम्र के 120 लोगों को सैंपल लिया गया. टेस्ट रिपोर्ट में पता चला कि इसमें से 30 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी खत्म हो चुकी है. 46 फीसदी लोगों में खत्म होने की कगार पर है और सात फीसदी में बहुत कम एंटीबॉडी बची है. पर्याप्त एंटीबॉडी सिर्फ 17 फीसदी लोगों में ही है.
चौथी लहर का ज्यादा खतरा नहीं :प्रोफेसर चौबे ने बताया कि टीकाकरण के तीन माह के बाद एंटीबॉडी खत्म होने लगती है. वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों में एंटीबॉडी का लेवल छह माह तक बरकरार रहता है. उन्होंने बताया कि जब 70 फीसदी से ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी खत्म हो जाएगी तब चौथी लहर की संभावना बढ़ जाएगी. फिलहाल लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहना चाहिए. घबराने जैसी कोई बात नहीं है.
यह भी पढ़ें-सीएसजेएमयू में बनेंगे 12 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, जानें क्या होगी व्यवस्था