वाराणसी:भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी विकास प्राधिकरण (Varanasi Development Authority) के माध्यम से लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के अंतर्गत वाराणसी में रोप-वे की स्थापना की जा रही है. वाराणसी रोप-वे की स्थापना पीपीपी मॉडल पर होगी. निविदा को लेकर प्री-बिड बैठक हुई. इस प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में कंपनियां रुचि दिखा रही हैं.
वाराणसी शहर में यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी विकास प्राधिकरण के माध्यम से रोपवे की व्यवस्था पीपीपी मॉडल पर कर रही है. इससे वाराणसी में ट्रैफिक की समस्यों से लोगों को निजात मिलेगी.
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- प्रस्तावित रूट- गोदोलिया से कैंट रेलवे स्टेशन के मध्य रथयात्रा एवं साजन तिराहा होते हुए
- प्रस्तावित रूट की लंबाई- 3.65 किलोमीटर
- प्रस्तावित यात्रा समय (शुरू से अंत तक)- 15 मिनट
- केबल कार संख्या एवं विवरण- कुल 220 केबल कार-प्रत्येक 10 व्यक्तियों की क्षमता, प्रत्येक 90 से 120 सेकेंड के अंतराल पर
- क्षमता- एक तरफ से एक समय में 4500 व्यक्तियों को यात्रा की सुविधा
- कुल प्रस्तावित स्टेशन- कुल 5 भू-स्तर से 11 मीटर ऊंचाई पर- प्रत्येक स्टेशन वाराणसी / काशी की स्थानीय थीम एवं संस्कृति पर आधारित
- कुल परियोजना लागत- 410.30 करोड़ रुपये
वाराणसी नगर में गोदोलिया रथयात्रा साजन तिराहा होते हुए वाराणसी कैंट (Varanasi Cantt) स्टेशन तक प्रस्तावित 3.65 किलोमीटर लंबे रोप-वे की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर स्थापना के लिए मंगलवार को प्री-बिड बैठक हुई.
प्री-बिड बैठक में चार फार्मों ने लिखित रूप से प्री-बिड क्वेरी के माध्यम से भाग लिया. इनमें ईसीएल मैनेजमेंट एसडीएनडीएचडी, डोपल्मेयर, एफआईएल और पोमा शामिल हैं. इनके अलावा एक्रान इन्फ्रा, एजीस इंडिया तथा कनवेयर एंड रोप-वे सिस्टम कंपनियों ने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से प्री-बिड बैठक में भाग लिया.