मुजफ्फरनगर:थाना भोपा क्षेत्र में दलित हत्याकांड मामले में आज जिला अदालत ने फैसला सुनाया है. 26 अप्रैल 2011 को पुरानी रंजिश को लेकर दलित करमचंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 13 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
थाना भोपा क्षेत्र के गांव निरगजनी में 26 अप्रैल 2011 को एक दलित की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप मृतक के तीन भाई अमरेश, धनपाल और रमेश उर्फ प्रधान पर था. इन तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. शास्त्र अधिनियम में भी अमरेश को 5 साल की सजा और रमेश को 3 साल की सजा के साथ दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के जज जमशेद ने की. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह और एडीजीसी सहदेव सिंह ने पैरवी की थी. अभियोजन के अनुसार साल 2011 में थाना भोपा के ग्राम निरगजनी में जमीन को लेकर विवाद हुआ था. उसके चलते दलित और जाटों के बीच खूनी संघर्ष में करमचंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसके बाद आरोपियों ने शव को साइकिल पर रखकर पूरे गांव में घुमाया था और बाद में शव को ट्रैक्टर पर रखकर गंग नहर में फेंक दिया था. इस घटना से गांव में कई दिनों तक तनाव का महौल रहा था.